मुख्य समाचार
भारत-ईरान के बीच चाबहार समझौते के मायने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय ईरान दौरे में 12 बड़े समझौते किए हैं। इसमें चाबहार पोर्ट के लिए किया गया समझौता बेहद खास है। इस समझौते से भारत को मध्य पूर्व एशिया के रास्ते अफगानिस्तान, रूस और यूरोप में पांव जमाने में काफी मदद मिलेगी। गुजरात के कांडला एवं ईरान के चाबहार बंदरगाह के बीच दूरी, नई दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी से भी कम है। इसलिए इस समझौते से भारत को ईरान तक वस्तुएं तेजी से पहुंचाने और फिर नए रेल एवं सड़क मार्ग के जरिए अफगानिस्तान ले जाने में मदद मिलेगी।
ईरान के पास सस्ती प्राकृतिक गैस और बिजली है। भारतीय कंपनियां 50 लाख टन का ऐल्यूमिनियम स्मेल्टर (धातु गलानेवाला) संयंत्र और यूरिया विनिर्माण इकाइयां स्थापित करना चाहती हैं। भारत यूरिया सब्सिडी पर 45,000 करोड़ रुपये सालाना खर्च करता हैं। यदि भारतीय कंपनियां इसका विनिर्माण चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में करती हैं और कांडला बंदरगाह ले जाकर, फिर वहां से भीतरी इलाकों में तो उतनी ही राशि की बचत होगी।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में 2003 में चाबहार बंदरगाह बनाने के लिए आरंभिक समझौता किया गया था लेकिन यह सौदा बाद के सालों में आगे नहीं बढ़ पाया। पिछले एक साल में इसे तेजी से आगे बढ़ाया गया जिसकी वजह से आज पहले चरण के लिए समझौता हुआ। इस ऐतिहासिक समझौते की वजह से भारत अब बिना पाकिस्तान गए अफगानिस्तान और फिर उससे आगे रूस और यूरोप से जुड़ सकेगा।
यह भी खबर मिल रही है कि भारत अफगानिस्तान के भीतर एक और सड़क नेटवर्क के निर्माण के लिए वित्तपोषण करेगा जिससे ईरान से अपेक्षाकृत छोटे मार्ग के जरिए ताजिकिस्तान तक जुड़ने में मदद मिलेगी। कहा जा सकता है कि चाबहार पोर्ट समझौता भारत के व्यापारिक हितों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि ईरान भारत को पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के कई बड़े व्यापारिक हित इस समझौते से सधेंगे। वैसे तो सभी सरकारें देश हित के लिए निर्णय लेती रही हैं और लेती भी रहेंगी लेकिन मोदी सरकार की इन उपलब्धियों पर देशवासियों को खुश होने का एक और मौका तो मिला ही है। आखिर यही तो हैं अच्छे दिन।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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