Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

ये तीन काम करने में औरतों को आता है बेहद मजा, आखिरी वाले के लिए आधी रात भी रहती हैं तैयार!

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको औरतों के वो तीन काम बताने जा रहे हैं जिनको करने में उन्हे बहुत मजा आता है। यूं तो औरतों को समझना सबके बस की बात नहीं लेकिन कुछ ऐसी चीजें या आदतें हैं जो लगभग हर औरत के अंदर पाई जाती हैं।

आईए जानते हैं कौन से हैं वो 3 काम

  1. औरत को लोगों की सेवा करना बहुत पसंद होता है। खास तौर पर जब कोई बीमार होता है तो औरते पूरे जीजान से उनकी सेवा करती हैं।

2. औरत को अपने पति का ख्याल रखने में काफी अच्छा फील होता है। जब भी पति थका हारा घर वापस आता है तब पत्नी को अपने पति की सेवा करने में बहुत मजा आता है।

3. औरतों को सबसे ज्यादा जिस काम में मजा आता है वह है शॉपिंग करना। इसके लिए वह आधी रात को भी तैयार हो सकती हैं।

Continue Reading

ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

Published

on

Loading

चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

Continue Reading

Trending