Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

अगर हो जाता ऑपरेशन सनडाउन, तो न होता ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ और न जाती इंदिरा गांधी की जान

Published

on

Loading

अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में 6 जून 1984 को भारतीय सेना की कार्रवाई को ऑपरेशन ब्लूस्टार नाम दिया गया था। दरअसल, स्वर्ण मंदिर के अंदर छिपे खालिस्तान समर्थक आतंकियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना स्वर्ण मंदिर में दाखिल हुई थी। ऑपरेशन के दौरान मरने वालों में जरनैल सिंह भिंडरावाले भी शामिल था, जिसकी अगुवाई में सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग हो रही थी।

ऑपरेशन ब्लूस्टार के विरोध में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई, ऐसा न होता अगर इंदिरा गांधी ऑपरेशन सनडाउन को मंजूरी दे देतीं, तो न ऑपरेशन ब्लू स्टार होता और न ही इंदिरा गांधी की जान जाती।

कहा जाता है कि इंदिरा की हत्या उस घटना के प्रतिशोध में की गई, जो उन्होंने सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के रूप में कराई थी। जरनैल सिंह भिंडरवाले पर कार्रवाई के लिए सेना को स्वर्ण मंदिर में घुसने की अनुमति दी गई थी।

लगभग डेढ़ दिन तक चले देश के इस युद्ध में स्वर्ण मंदिर के पवित्र चबूतरे लोगों के खून से लाल हो गए थे। इस युद्ध में भिंडरवाला तो मारा गया लेकिन इसकी बड़ी कीमत देश और सेना को चुकानी पड़ी। हमले में 83 के करीब सैनिक जिनमें तीन अफसर भी थे और 492 आम नागरिक मारे गए। ऑपरेशन खत्म हुआ तो स्वर्ण मंदिर के हर गलियारे में लाशों के ढेर पड़े थे।

7 जून 1984 की सुबह हर तरफ मौत का मंजर था। इतिहास में स्वर्ण मंदिर में चले ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के बारे में बहुत कुछ लिखा जा चुका है और न जाने कितने पन्ने इस मनहूस ऑपरेशन के नाम पर स्याह हो चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑपरेशन ब्लू स्टार टल सकता था? और ऐसा होता तो शायद इंदिरा गांधी भी आज हमारे बीच हो सकती थीं।

असल में पंजाब में लगातार बढ़ रहे आतंकवाद और भिंडरवाले के देश विरोधी बयानों ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चिंतित कर दिया था। इसी बीच 5 अक्टूबर, 1983 को सिख उग्रवादियों ने कपूरथला से जालंधर जा रही बस को रोक लिया। इसके बाद बस में सवार हिंदू सवारियों को चुन चुन कर गोलियों मारी गईं। इस घटना से इंदिरा गांधी गुस्से से भर उठीं।

घटना के अगले ही दिन उन्होंने पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री दरबारा सिंह की सरकार को भंग करके वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया। इसके बाद इंदिरा गांधी ने भिंडरवाले और उसके साथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मूड़ बना लिया। उन्होंने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के साथ चर्चा के दौरान इस पर सहमति बनी।

स्वर्ण मंदिर को भिंडरवाला समर्थकों से खाली कराने के लिए सेना की कार्रवाई की जाए। इसके लिए आधी रात में ऑपरेशन चलाया जाए। शुरूआती ना नुकुर के बाद इंदिरा भी इस ऑपरेशन के लिए मान गई, जिसका नाम रखा गया ‘ऑपरेशन सन डाउन’। सरकार की तैयारियां पूरी थी और सेना की भी।

‘ऑपरेशन सनडाउन’ को ऑपरेशन ब्लूस्टार के मुकाबले कम जोखिम भरा और आसान माना गया था। जैसे ही ऑपरेशन को शुरू करने का वक्त आया इंदिरा ने पूछा कि ऑपरेशन में कितने लोगों की जान जा सकती है, जिसके जवाब में बताया गया 30-40।

इंदिरा ने तुरंत इस अभियान के लिए मना कर दिया। वो नहीं चाहती थीं कि सिखों से सबसे पवित्र धर्मस्थल में कोई खून खराबा हो। कहा ये भी जाता है कि  राजीव गांधी भी इस पक्ष में नहीं थे कि स्वर्ण मंदिर पर सेना से हमला करवाया जाए। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था, इसलिए मात्र 30-40 लोगों की मौत की आशंका के चलते ऑपरेशन सन डाउन से इंकार करने वाली इंदिरा गांधी साढ़े पांच सौ से ज्यादा लोगों की मौत की गवाह बनीं।

असल में इंदिरा ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ को भी सेनाध्यक्ष जनरल आरएस वैध के उस आश्वासन के बाद हरी झंडी दी थी, जिसमें उन्होंने सैनिक कार्रवाई में किसी के न मारे जाने की बात कही थी। कहा भी जाता है कि इस मुद्दे पर अधिकारियों ने इंदिरा गांधी को अंधेरे में रखा, जिसकी बहुत बड़ी कीमत देश को चुकानी पड़ी और इंदिरा गांधी के नाम पर भी धब्बा लगा।

ऑपरेशन ब्लू स्टार के पांच महीने बाद 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उन्हीं के सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद देशभर में बड़े पैमाने पर सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे।

नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

Published

on

Loading

राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

Continue Reading

Trending