उत्तराखंड
उत्तराखंड: आईटी सैक्टर के लिए नया औद्योगिक पैकेज
देहरादून। उत्तराखंड में आईटी और आईसीटी इंडस्ट्री को आकर्षित करने के लिए सरकार नया औद्योगिक पैकेज लाने जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने इसके लिए आईटी इंडस्ट्री उत्पादन क्षेत्र के 10 अग्रणी राज्यों की स्टडी के बाद यह पैकेज तैयार किया है।
उत्तराखंड में सिडकुल के अधीन नए आईटी और इलेक्ट्रोनिक्स इंडस्ट्री क्षेत्र विकसित करने के साथ उद्योगों को विभिन्न करों में छूट, स्टांप शुल्क में रियायत और रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराने जैसे प्रावधान इसमें रखे गए हैं। पालिसी ड्राफ्ट को सचिव समिति की बैठक में रखा जा चुका है, अब ड्राफ्ट का अंतिम प्रारूप सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
बंगलूरू और हैदराबाद जैसे आईटी इंडस्ट्रियल हब प्रदेश में विकसित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग विशेष पैकेज तैयार कर रहा है। आईटी उद्योग को आकर्षित करने के लिए अब तक हुए प्रयास प्रभावी नहीं रहे।
विभाग अब नए सिरे से पालिसी पर काम कर रहा है, जिसमें राज्य की इंडस्ट्रियल एसोसिएशनों के साथ वार्ता कर ड्राफ्ट तैयार किया गया है। तैयार ड्राफ्ट को सचिव समिति की बैठक में 14 जून को रखा जा चुका है, जिसमें आए सुझावों के बाद बदलाव कर फाइनल कर दिया गया है।
प्रदेश में आईटी और इलेक्ट्रोनिक की बड़ी कंपनियों में माइक्रोमैक्स और एचपी ही हैं। माइक्रोमैक्स दो माह पूर्व प्रदेश में इंफोर्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए अलग से पॉलिसी नहीं होने के चलते इंडस्ट्री शिफ्ट करने की चेतावनी दे चुकी है।
अन्य राज्यों में जो सहूलियतें आईटी और आईसीटी इंडस्ट्री को मिल रही हैं, वही कंपनी यहां भी चाहती हैं। दो बड़ी कंपनियों के अलावा प्रदेश में 60 छोटी इकाइयां भी काम कर रही हैं। आईटी सचिव दीपक कुमार ने एक वार्ता के दौरान कहा कि आईटी और आईसीटी इंडस्ट्री को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक नीति में ऐसी इंडस्ट्रियल पैकेज दिया जाएगा।
अन्य राज्यों में कर छूट सहित अन्य प्रावधानों का अध्ययन कर ड्राफ्ट तैयार किया गया है। लागू करने से पहले ड्राफ्ट जनमत के लिए पब्लिक डोमेन में डाला जाएगा।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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