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प्रादेशिक

खेल भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक: शंकराचार्य अधोक्षजानंद

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खेल हमारे जीवन का न केवल एक अहम हिस्सा है, बल्कि भारतीय संस्कृति एवं एकता का प्रतीक भी है। खेल का मैदान भाषा एवं धर्म को महत्त्व नही देता। यह उद्गार जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ स्वामी ने व्यक्त किया। वे शुक्रवार को दांदूपुर स्थित समदरिया स्कूल ऑफ स्पेशल एजुकेशन के पंचदिवसीय वार्षिक खेल महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चों के माता-पिता खेल को केवल मनोरंजन का साधन न समझे बल्कि किताबी ज्ञान के साथ-साथ खेल के प्रति रुचि बढ़ाए और संसाधन उपलब्ध कराएं। आज कल मोबाइल और कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग नें हमारी खेल संस्कृति को जख्मी कर दिया है। बच्चों में एकांगी जीवन शैली दिखाई देने लगी जिसका परिणाम घातक होगा।

बतौर मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पं केशरी नाथ त्रिपाठी नें कहा कि छात्रों के व्यस्त जीवन में खेल का बहुत महत्व है। खेल तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है। किसी भी स्थिति में इसके मूल्यों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि छात्र जीवन मानव जीवन की आधारशिला है। स्वस्थ शरीर के लिए खेल और व्यायाम की उतनी ही आवश्यकता है जितना कि भोजन और पानी की।

खेल महोत्सव का उद्घाटन बच्चों द्वारा प्रस्तुत सुंदर मार्चपास्ट सलामी के साथ हुआ। मुख्य अतिथि ने मशाल प्रज्वलित कर प्रतिभागी छात्र छात्राओं को खेल भावना की शपथ दिलाई। जगतगुरु शंकराचार्य ने गुब्बारे उड़ाकर  स्वच्छंद विचारधारा के साथ खेल कूद  प्रतियोगिता का संदेश दिया।

स्कूल के निदेशक डॉ मणि शंकर द्विवेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान मुख्य अतिथि बच्चों द्वारा अपशिष्ट वस्तुओं से निर्मित क्राफ्ट, पेंटिंग तथा विज्ञान प्रोजेक्ट्स व मॉडल्स की प्रदर्शनी का उदघाटन भी किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ रमा सिंह, प्रो जहां आरा, डॉ मधुकराचार्य त्रिपाठी, दिनेश मिश्र, पी के तिवारी, राजेश शुक्ल, डॉ बबली द्विवेदी, मोजिज अब्बास,इस्तियाक हैदर,डा कविता मिश्र,डा विमला मिश्र, सरोज यादव, राघवेन्द्र सिंह,रुचिता केशरवानी, अनीता, रविन्द्र सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्कूल कोऑर्डिनेटर शिखा डी मिश्रा एवं आभार ज्ञापन डॉ अम्बिका पाण्डेय ने किया।

 

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IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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