जम्मू-कश्मीर
जम्मू कश्मीर: मुजफ्फर बेग पत्नी सफीना सहित PDP में फिर हुए शामिल, अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती किया स्वागत
श्रीनगर। एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में, जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर बेग और उनकी पत्नी, डीडीसी अध्यक्ष बारामूला, सफीना बेग, आज पीडीपी संस्थापक दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सैयद की बरसी पर बिजभेरा कब्रिस्तान में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) में फिर से शामिल हो गए।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि पुन: शामिल होने का समारोह पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में हुआ, जिन्होंने गर्मजोशी से उनका पार्टी में वापस आने का स्वागत किया। इसके अलावा, मुजफ्फर बेघ और सफीना बेघ ने समर्पित पीडीपी कार्यकर्ताओं के साथ बिजबेहरा के दाराशोका में मुफ्ती मोहम्मद सईद की पवित्र कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुज्जफर बेग के पीडीपी में शामिल होने से उस समय का माहौल वास्तविक गर्मजोशी से भर गया क्योंकि पीडीपी समर्थकों ने लौटने वाले सदस्यों को गले लगा लिया, जो एक शक्तिशाली और श्रद्धालु सभा का प्रतीक था जिसने दूरदर्शी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद की अमिट विरासत का सम्मान किया।
गौरतलब है कि मुजफ्फर बेग पहले पीडीपी से अलग होकर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए थे, लेकिन बाद में पीसी ने उनसे दूरी बना ली। उनकी पत्नी, सफ़ीना बेघ, जो पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की सक्रिय सदस्य थीं, अब अपने पति के साथ पीडीपी में फिर से शामिल हो गई हैं।
जम्मू-कश्मीर
आतंकी यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक ने राहुल गाँधी को लिखा पत्र, जेल में बंद किए जाने का मामला संसद में उठाएं
नई दिल्ली। वायुसैनिकों की हत्या और आतंक के मामले में जेल में बंद JKLF के आतंकी सरगना यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को पत्र लिखा है। मुशाल मलिक ने राहुल गाँधी से अपील की है कि वह आतंकी यासीन के जेल में बंद किए जाने को संसद में उठाएँ।
मुशाल मलिक ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार मलिक पर ज्यादती कर रही है। मुशाल मलिक ने राहुल गाँधी से अपना राजनीतिक प्रभाव उपयोग करने की अपील की है। मुशाल ने कहा है कि राहुल गाँधी के मुद्दा उठाने के बाद यासीन मलिक कश्मीर में शान्ति ला सकता है।
गौरतलब है कि मुशाल मलिक पाकिस्तान की सरकार में सलाहकार रह चुकी है। यासीन मलिक UPA सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ दिखता था और गांधीवाद पर बात करता था। वर्तमान में वह वायुसैनिकों की हत्या समेत टेरर फंडिंग और बाकी मामलों में जेल में बंद है।
कोर्ट ने मलिक को दी है उम्रकैद की सजा
2022 में एक निचली अदालत ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुशाल ने चिट्ठी में लिखा, ‘मलिक जेल में अमानवीय व्यवहार के विरोध में 2 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है। यह भूख हड़ताल मलिक के स्वास्थ्य पर और खतरनाक असर डालेगी। यह उस शख्स के जीवन को खतरे में डाल देगी, जिसने हथियार छोड़कर अहिंसा की राह पर चलने का विकल्प चुना है।’ मुशाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार 2019 से मलिक को ‘सभी अकल्पनीय तरीकों से’ प्रताड़ित कर रही है।
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