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जीका विषाणु के लिए टीके का विकास कर रही भारतीय कंपनी

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जीका विषाणु के लिए टीके का विकास, विश्व स्वास्थ्य संगठन, बायोटेक कंपनी

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हैदराबाद| हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी जीका विषाणु के लिए दुनिया के पहले टीके का विकास कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जीका को लोक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। टीका एवं जैव चिकित्सकीय निर्माता कंपनी ने बुधवार को घोषणा की कि वह जीका संक्रमण के लिए जीकावैक टीके पर काम कर रही है। इस टीके पर डेढ़ साल से काम करने का दावा करने वाली कंपनी ने डब्ल्यूएचओ तथा भारत सरकार दोनों को ही अपनी परियोजना की स्थिति के बारे में जानकारी दे दी है। भारत बायोटेक की अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि एक से दो सप्ताह के अंदर टीके का पूर्व-चिकित्सकीय परीक्षण शुरू हो जाएगा। कंपनी ने निष्क्रिय (इन एक्टिवेटेड) तथा पुन:संयोजक (रिकांबिनेंट) दोनों टीकों के पेटेंट के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि टीके के विकास के लिए कंपनी लैटिन अमेरिकी देशों जैसे ब्राजील के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है। लैटिन अमेरिका की कुछ कंपनियों ने मानवों पर इसके परीक्षण के लिए पहले ही दिलचस्पी जता चुकी हैं।

यह पूछे जाने पर कि बाजार में इस टीके को आने में कितना वक्त लगेगा, उन्होंने कहा, “यह देश के नियामकीय प्रणाली पर निर्भर करता है।” एल्ला ने कहा कि यदि सरकार जीका को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करती है और त्वरित कदम उठाती है, तो टीके के विकास में दो साल से कम का वक्त लगेगा।” उन्होंने कहा कि लैटिन अमेरिका में विषाणु तेजी से फैल रहा है और डब्ल्यूएचओ ने इसे लोक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है, इसलिए वे इस परियोजना को तेजी से अंजाम तक पहुंचाएंगे। निष्क्रिय टीका जानवरों में पूर्व-चिकित्सकीय परीक्षण के स्तर तक पहुंच चुका है। पूर्व-चिकित्सकीय परीक्षण में दो से पांच महीने का समय लग सकता है, जबकि मानवों पर परीक्षण में और चार से पांच महीने का समय लग सकता है। भारत बायोटेक ने टीके के विकास में कुल 15 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। विकासशील देशों के लिए इसने पहला टीका रोटावैक तैयार किया। इसने टाइपबार टीसीवी, टाइफाइड कंजुगेट वैक्सिन का सफलतापूर्वक वाणिज्यिकरण किया है। चिकनगुनिया टीका जल्द ही परीक्षण के पहले चरण में प्रवेश करेगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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