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बिजनेस

538 करोड़ के घोटाले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल गिरफ्तार, ED ने की कार्रवाई

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Naresh Goyal arrested

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मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेट एयरवेज लिमिटेड (JAL) के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी के अधिकारी ने शुक्रवार को इसके बारे मे जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया कि 74 वर्षीय गोयल को शनिवार को मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा और ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने शुक्रवार देर रात गोयल को गिरफ्तार किया। इससे पहले दिन में मुंबई स्थित केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हिरासत में लिया गया था।

जेट एयरवेज, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने केनरा बैंक की शिकायत पर गोयल दंपती और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

ईडी ने मामले की जांच सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी मामले में गोयल, उनकी पत्नी अनिता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों को आरोपी बनाया है।

बैंक ने सीबीआई को शिकायत की थी कि उसने जेट एयरवेज लिमिटेड (JAL) को 848.86 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये अब भी बकाया हैं। इस खाते को 29 जुलाई, 2021 को फ्रॉड घोषित कर दिया गया था।

फोरेंसिक ऑडिट से खुलासा

बैंक का आरोप था कि कंपनी की फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि गोयल ने अपनी अन्य कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में भुगतान किया और जेट का पैसा बाहर भेजा। सहयोगी कंपनियों को कर्ज और अन्य निवेश के जरिये भी भुगतान किया गया।

धन की हेराफेरी का आरोप

सीबीआई का आरोप है कि गोयल परिवार के कर्मचारियों के वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च जैसे निजी खर्चों का भुगतान कंपनी द्वारा किया गया था। इसके अलावा फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला कि जेट लाइट (इंडिया) लिमिटेड (JLL) के जरिये अग्रिम भुगतान और निवेश के माध्यम से धन की हेराफेरी की गई और बाद में प्रावधान करके उसे बट्टे खाते में डाल दिया गया।

सीबीआई के मुताबिक, जेट इंडिया लिमिटेड (JIL) ने अपनी सहायक कंपनी JLL के लिए ऋण और निवेश के रूप में धन का उपयोग किया। बता दें, ईडी ने जुलाई में जेट एयरवेज के पूर्व प्रमोटर नरेश गोयल और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान भारतीय और विदेशी मुद्रा जब्त की है गई है।

ईडी ने एक बयान में कहा था कि उसने एक करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि भी जब्त की है। ईडी ने 2020 में मुंबई पुलिस की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद गोयल और अन्य के खिलाफ PMLA के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था।

कर्ज के बोझ ने आसमान से उतारा

नरेश गोयल ने 1990 के दशक की शुरुआत पत्नी अनीता के साथ मिलकर जेट एयरवेज एयरलाइन की नींव रखी थी और देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन बनाया। लेकिन कर्ज के बढ़ते बोझ ने उसकी उड़ान थाम ली।

कंपनी पर केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडीकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और इलाहाबाद बैंक सहित कुछ विदेशी बैंकों के 8,000 करोड़ का कर्ज चढ़ गया और लीज का किराया न चुकाने के चलते जेट एयरवेज 17 अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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