Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

झारखंड: 70 फीसदी से अधिक हुई मुस्लिम आबादी, तो छुट्टी रविवार के बजाय जुमा को

Published

on

Loading

रांची। झारखंड के जामताड़ा जिले के जिस इलाके में 70 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है, स्थानीय लोगों ने सरकारी नियमों को तोड़ते हुए स्कूलों पर मनमाने नियम थोप दिए हैं। इलाके के सैकड़ों स्कूलों में अब सरकारी नियमों के हिसाब से रविवार को साप्ताहिक अवकाश नहीं होता, बल्कि शुक्रवार (जुमा) को छुट्टी रहती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाके के कुछ मुस्लिम युवकों ने नियम बदलने की शुरुआत 2-3 स्कूलों से की थी। फिर बाद में यह मनमर्जी 100 से ज्यादा स्कूलों तक पहुंच गई। इन युवकों ने स्कूल मैनेजमेंट पर दबाव बनाया कि इलाके में 70 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है और यहां के स्कूलों में मुस्लिम बच्चे भी अधिक हैं, इसलिए यहां रविवार को पढ़ाई होगी और शुक्रवार को छुट्टी रहेगी।

स्कूलों के बोर्ड पर लिखा ‘उर्दू स्कूल’

हैरान करने वाली बात यह है कि इलाके के कई स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द भी जोड़ दिया गया है। जबकि ना ही इन स्कूलों में उर्दू पढ़ाई जाती है और ना ही यहां उर्दू का कोई टीचर है। इस मामले को लेकर अफसरों को कोई जानकारी ही नहीं है।

मरांडी ने ट्वीट कर यह लिखा

मामले को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आप झारखंड को किस ओर ले जा रहे हैं? समाज में ज़हर घोलने वाली ऐसी अंसंवैधानिक कार्रवाई पर न सिर्फ़ तुरंत रोक लगाइये बल्कि ऐसे समाज विरोधी ताक़तों पर कठोर कार्रवाई कीजिये।’

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज महाकुंभ में प्रवाहित होगी कला, संस्कृति और अध्यात्म की त्रिवेणी

Published

on

Loading

प्रयागराज |  प्रयागराज महाकुंभ भारतीय संस्कृति का दर्पण बने प्रदेश की योगी सरकार इसका सतत प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की तरफ से इसे लेकर विविध आयोजन किए जा रहे हैं। इससे आस्था के इस महा समागम में आस्था और अध्यात्म के विविध रंगों के साथ समृद्ध भारतीय संस्कृति के भी विभिन्न स्वरूपों के दर्शन होंगे।

समृद्ध भारतीय संस्कृति का बोध कराएगा कला कुंभ

प्रयागराज महाकुंभ में सनातन धर्म की धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं के दिव्य और भव्य दर्शन के साथ भारत की समृद्ध भारतीय संस्कृति की झलक भी दिखेगी । संस्कृति विभाग की तरफ से इसे लेकर कई आयोजन किए जाएंगे। महाकुंभ आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक त्रिवेणी में पुण्य स्नान करने के बाद भारतीय संस्कृति के विविध आयामों से भी अवगत हो सकें, इसके लिए सबसे पहले कला कुंभ का आयोजन होगा। नागवासुकी क्षेत्र के पास कला कुंभ शिविर बनाया जाएगा जिसमे देश भर की विविध कलाओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

कुंभ क्षेत्र में तीन वृहद सांस्कृतिक मंचों में होगी प्रस्तुतियां

महाकुंभ में संगम आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारत की परंपराओं के साथ यहां की कलाओं और उसके विविध विधाओं के भी दर्शन हो इसके लिए कुंभ क्षेत्र तीन बड़े सांस्कृतिक मंच बनाए जाएंगे। इनकी क्षमता एक हजार से अधिक दर्शकों की होगी। कुंभ क्षेत्र में झूंसी, अरैल संगम क्षेत्र में इनका निर्माण किया जाएगा। स्नान पर्वों को छोड़कर पूरे महाकुंभ में 35 दिन यहां शास्त्रीय और उप शास्त्रीय प्रस्तुतियां होंगी। इसके अलावा परेड ग्राउंड में गंगा पंडाल में भी देश के जाने माने सेलिब्रिटी कलाकारों की प्रस्तुतियां होती रहेंगी।

लोक कलाकारों को मिलेगा मंच , शहर में 20 स्थानों पर बनेंगे लघु सांस्कृतिक मंच

अतिथि देवो भव के मूलमंत्र को लेकर महा कुंभ आने वाले आगंतुकों का अभिनन्दन होगा। कुंभ क्षेत्र के अलावा शहर के अंदर भी जगह जगह प्रस्तुतियों के लिए मंच तैयार किए जाएंगे। विभिन्न मार्गों से शहर होकर कुंभ क्षेत्र जाने वाले आगंतुकों के अभिनंदन और मनोरंजन के लिए 20 लघु सांस्कृतिक मंचों का निर्माण किया जाएगा । ये मंच पूरी तरह लोक कलाकारों को समर्पित होंगे । यहां अलग अलग लोक कलाओं के दक्ष कलाकार दिन रात अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 10 जनवरी 2025 से ये प्रस्तुतियां आरम्भ करने की संस्कृति विभाग का योजना है।

“प्रयागराज महाकुंभ में लघु भारत की झलक दिखेगी। भारतीय संस्कृति की विरासत, कला और संगीत के विभिन्न आयामों का समावेश करने के लिए संस्कृति विभाग की तरफ कुंभ में कई आयोजन किए जा रहे हैं। जिससे प की धार्मिक , आध्यत्मिक कला कुंभ के आयोजन में, चार वृहद सांस्कृतिक मंच और कुंभ क्षेत्र के बाहर 20 लघु सांस्कृतिक मंचों की स्थापना की जाएगी जिसमें हजारों लोक कलाकारों को अपनी प्रदेश एवं देश कला की प्रस्तुति का मंच मिलेगा। ”
जय वीर सिंह,पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, यूपी

Continue Reading

Trending