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न्यायमूर्ति इकबाल बने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

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न्यायमूर्ति इकबाल बने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

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न्यायमूर्ति इकबाल बने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशपटना| न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने शुक्रवार को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उन्हें राजभवन के दरबार हॉल में शपथ दिलाई। मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने से पूर्व न्यायमूर्ति अंसारी पटना उच्च न्यायालय में ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे।

इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी तथा राज्य सरकार के कई मंत्री भी उपस्थित थे।

इनके अलावा शपथ ग्रहण समारोह में पटना उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिवक्ता भी मौजूद थे।

न्यायमूर्ति इकबाल दो बार पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश का दायित्व संभाल चुके हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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