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न्यायमूर्ति तिनलियानथांग त्रिपुरा उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश

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न्यायमूर्ति तिनलियानथांग त्रिपुरा उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश

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न्यायमूर्ति तिनलियानथांग त्रिपुरा उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश

अगरतला| राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति तिनलियानथांग वैफेई को त्रिपुरा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी। त्रिपुरा उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा है कि राष्ट्रपति ने त्रिपुरा उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश वैफेई को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है।

अधिकारी ने कहा कि न्यायमूर्ति वैफेई(60) को प्रदेश के राज्यपाल तथागत रॉय ने 16 मई को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई थी। उन्होंने दीपक गुप्ता का स्थान लिया, जिनका स्थानांतरण छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में किया गया है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय में पृथक उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई थी। ये तीनों राज्य पहले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में थे। सिक्किम को छोड़ कर सभी सात पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गुवाहाटी में समान उच्च न्यायालय था।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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