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कबीर शांति मिशन के स्थापना दिवस पर स्वस्थ पर्यावरण पर चर्चा

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कबीर शांति मिशन का 26वां स्थापना दिवस, ‘स्वस्थ पर्यावरण में समाज की भूमिका’, मुख्य अतिथि केशरी नाथ त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि आलोक रंजन, कबीर शांति मिशन के संस्थापक एवं मुख्य संयोजक राकेश मित्तल

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कबीर शांति मिशन का 26वां स्थापना दिवस, ‘स्वस्थ पर्यावरण में समाज की भूमिका’, मुख्य अतिथि केशरी नाथ त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि आलोक रंजन, कबीर शांति मिशन के संस्थापक एवं मुख्य संयोजक राकेश मित्तल

लखनऊ। कबीर शांति मिशन ने अपना 26वां स्थापना दिवस लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सिटी माण्टेसरी स्कूल के सभागृह में आयोजित किया। यह मिशन अप्रैल 1990 में समाज में स्वस्थ विचारधारा को प्रोत्साहित करने हेतु स्थापित किया गया था। इस अवधि में मिशन ने गौरवमयी प्रगति की है और आज मिशन को समाज के सभी वर्गों का सहयोग प्राप्त है। इस समय मिशन के आजीवन सदस्यों की संख्या 2655 है और देश-विदेश में इसके 40 केन्द्र स्थापित हैं। मिशन द्वारा समान विचारधारा की अनेक संस्थाओं के साथ मिलकर भी कार्य किया जाता है।

कबीर शांति मिशन का 26वां स्थापना दिवस संपन्न

स्थापना दिवस के अवसर पर मिशन में एक चर्चा का आयोजन किया जिसका विषय था ‘स्वस्थ पर्यावरण में समाज की भूमिका’। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल एवं पूर्व विधान सभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश केशरी नाथ त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि आलोक रंजन मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश थे। मुख्य वक्ता पूर्व सचिव भारत सरकार अरूण कुमार मिश्र थे तथा विशिष्ट वक्ता एसके कुमार पूर्व प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस.सी. वर्मा द्वारा की गई। इस अवसर पर जगदीश गांधी, कृष्ण बिहारी अग्रवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष, एवं मुख्य संयोजक राकेश कुमार मित्तल भी उपस्थित थे।

चर्चा के विषय पर बोलते हुए अरूण मिश्रा ने कहा कि आज स्वच्छ पर्यावरण विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है और भारत में तो स्थिति और भी गंभीर है। यद्यपि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों ने इस दिशा में अनेक अच्छे कदम उठाये हैं किन्तु समाज का समुचित सहयोग न मिलने के कारण अभी पर्याप्त प्रगति नहीं हो पा रही है। अतः समाज की सहभागिता प्राप्त करना ही सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए लोक सेवी संगठनों को आगे आना होगा। अपने स्थापना दिवस पर कबीर शांति मिशन ने इस विषय पर चर्चा करके उपयुक्त कदम उठाया है। आशा है इसका सकारात्मक प्रभाव होगा।

विशिष्ट वक्ता एसके कुमार जो स्वयं पर्यावरण क्षेत्र के विद्वान है और पानी के क्षेत्र में विशेष कार्य कर रहे हैं, ने कहा कि अभी भी आम आदमी पर्यावरण की समस्या की गंभीरता को नहीं समझ रहा है। इस कारण उसका दृष्टिकोण संकीर्ण हो गया है और वह अल्पकालीन समाधान के लिए दीर्घकालीन समस्याओं को जन्म दे रहा है। अतः आवश्यक है कि विभिन्न माध्यमों से इस समस्या की गंभीरता से समाज को अवगत कराया जाय। साथ ही कठोर कानून बनाये जायें व उनका अनुपालन सुनिश्चित हो। इस अवसर पर उनकी पुस्तक ‘पर्यावरण और हम’ का लोकार्पण भी हुआ।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि प्रदेश सरकार स्वच्छ वातावरण के प्रति गंभीर है और प्रदेश में पोलीथीन पर प्रतिबंध के सफल पहल है। उन्होंनें भी कबीर शांति मिशन के कार्य हेतु बधाई दी। मुख्य अतिथि केशरी नाथ त्रिपाठी विशेष रूप से इस कार्यक्रम हेतु पधारे। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमित संसाधनों के उपयोग, जन चेतना और ग्रामीण क्षेत्र में एनिमल एनर्जी के उपयोग से पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सकता है और यह भी बताया कि विकास की कोई भी प्रक्रिया तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक उसमें सक्रिय जन सहभागिता न हो। पर्यावरण के क्षेत्र में तो यह और भी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति समाज का दृष्टिकोण हमारी गरीबी व अशिक्षा का परिणाम है और इन्हें दूर करना ही इस समस्या का समाधान है। उन्होंने आशा व्यक्त की वर्तमान समय में देश में स्वच्छता का वातावरण बना है और शीघ्र ही इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कबीर शांति मिशन के कार्यक्रम में भाग लेने हेतु प्रसन्नता व्यक्त की। सभा में कबीर शांति मिशन के संस्थापक एवं मुख्य संयोजक राकेश मित्तल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मिशन की प्रगति पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उनके संकलन ‘Wisdom from Geeta’ का लोकार्पण भी हुआ।

26वें स्थापना दिवस मिशन पर मिशन ने अपने कुछ वरिष्ठ सदस्यों को उनकी समर्पित समाज सेवा के लिए कबीर दीप सम्मान से अलंकृत किया। इनके नाम हैं प्रो. भूमित्र देव (शिक्षा), प्रो. श्रीमती कमला श्रीवास्तव (संगीत एवं कला), स्व. डा.एम.सी.पंत (चिकित्सा) एवं प्रो. जमाल नुसरत (जल अभियंत्रण)। मेरठ के .आनन्द प्रकाश अग्रवाल (बैंकर एवं समाज सेवी) इस अवसर पर उपस्थित नहीं हो पाये। कार्यक्रम का समापन न्यायमूर्ति एस.सी. वर्मा के अध्यक्षीय उद्बोधन एवं धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। कार्यक्रम में लगभग 400 जागरूक नागरिकों ने भाग लिया।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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