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उत्तर प्रदेश

PFI की साजिश का मास्टरमाइंड है कमाल केपी, UP STF ने दाखिल की चार्जशीट

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Charge sheet filed against Kamal KP

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लखनऊ। प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सरगना केरल के मल्लापुरम निवासी कमाल केपी के खिलाफ UP STF (Uttar Pradesh special task force) ने राजधानी लखनऊ स्थित NIA की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। एसटीएफ ने कमाल केपी को हाथरस कांड के बाद यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रचने का दोषी बताया है।

साथ ही CAA-NRC के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल लोगों के संपर्क में होने और दंगे भड़काने व आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंडिंग का भी दोषी पाया है। STF की जांच में सामने आया है कि कमाल केपी ने PFI सदस्यों के साथ देश में अलग-अलग समुदायों और वर्गों को भड़काकर हिंसक घटनाएं कराने के उद्देश्य से carrd.co वेबसाइट, वेबपेज और जस्टिस फॉर हाथरस विक्टिम पोर्टल बनाया। इसके लिए टूलकिट तैयार कर उसका प्रचार-प्रसार भी किया।

दंगे कराने के लिए सितंबर 2020 के पहले सप्ताह में केरल के मल्लापुरम में एक वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें कमाल केपी, सिद्दीक कप्पन, अंसद बदरुद्दीन, फिरोज खान, नसीरुद्दीन मौजूद थे। इसमें CAA-NRC को लेकर दंगे भड़काने वालों के खातों में पैसा भेजने पर सहमति बनी।

इससे पहले PFI की नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल की 12 मार्च 2018 को मालाबार हाउस में मीटिंग हुई, जिसमें कमाल को 15 हजार रुपये महीना देने का प्रस्ताव पारित किया गया। एसटीएफ ने जब उसके खातों की जांच की तो पता चला कि जुलाई 2018 से मार्च 2021 तक उसे पीएफआई और रिहाब की ओर से रकम भेजी जा रही थी। इसी तरह कई अन्य संदिग्ध खातों से भी कई बार रकम आने की पुष्टि हुई है। इस रकम को आतंकी कार्यों के लिए इस्तेमाल किया गया।

कप्पन ने भेजी भड़काऊ सामग्री

जांच में हाथरस कांड के बाद जातीय हिंसा भड़काने की साजिश के मुख्य आरोपी सिद्दीक कप्पन और कमाल केपी के बीच व्हाट्सएप चैट के जरिए बातचीत के प्रमाण मिले है। कप्पन ने नौ जनवरी 2020 को कमाल के व्हाट्सएप नंबर पर एक कॉल रिकॉर्डिंग भेजी थी।

मलयालम भाषा में भेजी गई रिकॉर्डिंग का अनुवाद करने पर पता चला कि दोनों यूपी में कोई सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और दंगे भड़काने की साजिश रच रहे थे। इसके अलावा सिद्दीक कप्पन ने कमाल को बंगलुरु हिंसा, बाबरी मस्जिद से जुड़ी खबरें भी भेजी थी। कमाल केपी ने सितंबर, 2020 में कप्पन को हाथरस जाने के लिए 20 हजार रुपये भी दिए थे।

उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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