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मुख्य समाचार

क्या कन्हैया ने भाषण से पहले तथ्यों की जांच की थी?

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सुरक्षा के नाम पर रेप, सेना के जवान, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्‍हैया कुमार, कश्मीर में सेना महिलाओं पर अत्याचार करती है

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जेएनयू में अंग्रेजी के प्रफेसर और कवि मकरंद परांजपे, छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अंग्रेजी के प्रफेसर और कवि मकरंद परांजपे ने देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार से सवाल किया कि उन्होंने अपने बहुचर्चित भाषण से पहले क्या तथ्यों की जांच की थी? गौरतलब है कि जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद कन्हैया ने अपने मशहूर भाषण में गोलवरकर के मुसोलिनी से मुलाकात करने की बात की थी। प्रफेसर परांजपे ने इस तथ्य को सुधारते हुए कहा कि मुसोलिनी से गोलवरकर ने नहीं बल्कि हिंदू महासभा के नेता मुंजे ने मुलाकात की थी।

उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे (गोलवरकर) फासीवाद से प्रभावित नहीं थे, वे थे…कृपया हमें इस पर सहमत होने दीजिए कि क्या तथ्य है और क्या नहीं।’ परांजपे ने जेएनयू के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि फासीवाद लोकतंत्र के खिलाफ है और स्टालिनवाद भी। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसे देश का नागरिक होने में गर्व महसूस करता हूं, जहां एक तथाकथित न्यायिक हत्या ने इतना बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया लेकिन क्या आपको पता है कि स्टालिन के सोवियत संघ में 1920 से 1950 के दशक में कितनी न्यायिक हत्याएं हुईं।’

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केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ एंबुलेंस के गलत इस्तेमाल को लेकर FIR, जानें क्या है मामला

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ एंबुलेंस के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा है। उनके खिलाफ केरल पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जिस वाहन का प्रयोग केवल मरीजों के लिए किया जाता है, उसका इस्तेमाल करके मंत्री सुरेश गोपी ने नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। मंत्री के खिलाफ सीपीआई नेता सुरेश केपी ने शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि गोपी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि एंबुलेंस का इस्तेमाल बचाव के लिए किया गया था।

एफआईआर में कहा गया कि ‘गोपी प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए अपने चुनाव प्रचार के लिए एंबुलेंस का मिसयूज किया। मरीजों के लिए बनाई गई एंबुलेंस को इस तरह के काम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। लेकिन उन्होंने प्रचार के लिए इसमें यात्रा की।’ इसपर गोपी ने अपना सफाई देते हुए कहा कि ‘उत्सव स्थल के पास उनकी कार पर हमला हुआ था, जिसके बाद वहां पर एंबुलेंस से बचाव का काम किया गया।’

मंत्री ने दावा किया कि उन्हें कुछ युवाओं ने बचाया था, जिन्होंने उन्हें उस एंबुलेंस में बैठाया था। इस दौरान वह एंबुलेंस पहले से ही उत्सव स्थल पर लोगों की मदद के लिए मौजूद थी। पुलिस ने बताया कि उनपर आईपीसी की धारा 279 और 34 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179, 184, 188 और 192 लगाई गई हैं।

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