प्रादेशिक
ड्यूटी के दौरान शहीद हुए कानपुर के जवान के परिवार की आर्थिक मदद करेगी योगी सरकार
लखनऊ। कोलकाता में पद्मा नदी के तट पर पैट्रोलिंग के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए बीएसएफ के जवान शैलेंद्र दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सीएम योगी ने दिवंगत जवान के परिजनों को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जनपद की एक सड़क का नामकरण उनके नाम पर करने की भी घोषणा की है।
सीएम योगी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। बता दें कि कानपुर निवासी बीएस के जवान शैलेंद्र दुबे की पैट्रोलिंग के दौरान नदी में डूबने से मौत हो गई थी। उनके निधन पर सीएम योगी ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त वह नाव पर सवार थे। तभी पैर फिसल गया और वह गहराई में समा गए। बेटे की मौत की खबर सुनकर घर में कोहराम मच गया। शुक्रवार को उनका शव शहर लाया जाएगा। रिटायर्ड दरोगा संतोष दुबे के बड़े बेटे शैलेंद्र वर्ष 2004 में बीएसएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुए थे।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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