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उत्तराखंड

केदारनाथ, गंगोत्री व जमुनोत्री के कपाट खुले, पहुंचे हजारों यात्री

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केदारनाथ गंगोत्री व जमुनोत्री के कपाट खुले, पहुंचे हजारों यात्री, भगवान शंकर के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम, मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ. के.के. पॉल

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केदारनाथ गंगोत्री व जमुनोत्री के कपाट खुले, पहुंचे हजारों यात्री, भगवान शंकर के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम, मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ. के.के. पॉल

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देहरादून| भगवान शंकर के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट मंत्रोच्चारण के बीच सोमवार सुबह सात बजे शुभ लग्न में विधि विधान से खोल दिए गए। इसके साथ ही दोपहर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भी खुल गए। मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ. के.के. पॉल हेलीकप्टर से धाम पहुंचे और सबसे पहले बाबा केदार के दर्शन कर पूजा अर्चना की। कपाट खुलने के दौरान धाम के हजारों की संख्या में भक्त मौजूद रहे। श्रद्धालुओं के मुताबिक, इस बार धाम काफी अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। कपाट खुलने के दौरान धाम में मौसम सुहावना रहा। चटख धूप खिली रही। इसके बाद ग्रीष्मकाल के छह माह तक बाबा केदार की पूजा धाम में ही होगी और भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे।

इधर, सुबह दस बजे डोली गंगोत्री धाम पहुंची, जहां विशेष पूजा-अर्चना के बाद मां गंगा की डोली और मूर्ति को 12़30 मिनट पर मंदिर में स्थापित किया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने मां गंगोत्री के दर्शन किए। धाम में करीब तीन हजार से अधिक यात्री पहुंचे। वहीं यात्रियों का आने का सिलसिला लगातार जारी है। वहीं मां यमुना की डोली मायके खरसाली से सोमवार सुबह ही विदा होकर यमुनोत्री धाम पहुंची। यमुनोत्री धाम के कपाट शुभ मुहूर्त दोपहर सवा एक बजे खोल दिए गए। अधिकारियों के मुताबिक, यमुनोत्री में कपाट खुलने के समय साढ़े चार हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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