प्रादेशिक
लखनऊ के IISE कॉलेज में मनाया गया पतंग महोत्सव, लोगों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
लखनऊ। कल जहां पूरे देश में 70वां गणतंत्रता दिवस मनाया जा रहा था वहीं, लखनऊ के IISE कॉलेज में भी झंडारोहण संपन्न हुआ। इस अवसर पर विधार्थियों ने पतंग उड़ा कर खूब मस्ती की। सिर्फ पतंग महोत्सव ही नहीं बल्कि इसके साथ मेहंदी, फैंसी ड्रेस, और चित्रकला प्रतियोगता भी आयोजित की गई थी।
बता दें कि 26 जनवरी के दिन लखनऊ के कल्यानपुर स्थित IISE कॉलेज में पतंग महोत्सव का आयोजन हुआ। यहां पर लखनऊ को लोगों ने शिरकत की और लगे हुए चटपटे स्टाल से व्यंजनों का भी खूब मजा लिया। बच्चे, छात्र, युवा, बुजुर्ग आदि सभी ने इस महोत्सव में बढ़-चढ़कर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
आयोजित पतंग प्रतियोगिता में पहला स्थान मोहम्मद शरीफ को मिला। वहीं कूपन लकी ड्रा में हमजा अतीक पहले नंबर पर आए। चित्रकला प्रतियोगिता को आदित्य शुक्ला तथा उन्नति संयुक्त ने जीता। मेहंदी प्रतियोगिता में हेमा को पहला पुरूस्कार मिला।
इतना ही नहीं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में मोहम्मद अहमद ने भगत सिंह के किरदार में लोगो का मन जीतने के साथ ही पहले विजेता भी रहे। कार्यक्रम की संयोजक दीप्ती गुप्ता ने बताया “कल्याणपुर में इस आयोजन का उद्देश्य लोगो को मनोरंजन के माध्यम से राष्ट्रीय पर्व के महत्व को बताना है। साथ ही देश की महान परंपरा को युवाओ के जरिए आगे बढाना है।”
कार्यक्रम के दौरान सीएमडी फिरदौस सिद्दीकी, एमडी राजीव रतन,सीएफओ बीडी सक्सेना, रजिस्ट्रार पीके सिंह, संस्था के डायरेक्टर अरूण शुक्ला, नवीन उप्रेती, अनुराग श्रीवास्तव, अविष्कार गुप्ता, प्रिंयका कालरा, अमित कुमार त्रिपाठी विभागाध्यक्ष फिमीट्स, आबिद रजा, लुबना किदवई, दीक्षा मिश्रा, सुनीता शुक्ला, तरून बोस, हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील अवीनाश त्रिपाठी, शिवेन्द्र अग्निहोत्री, विकास धर दिवेदी सहित भारी संख्या में IISE ग्रुप ऑफ इस्टीट्यूशन्स के छात्र छात्राओ और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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