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उत्तराखंड

पुरोला के एसडीएम रिश्वत लेते गिरफ्तार

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पुरोला तहसील के एसडीएम केके सिंह, विजिलेंस टीम, रिश्वत लेते गिरफ्तार

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पुरोला तहसील के एसडीएम केके सिंह, विजिलेंस टीम, रिश्वत लेते गिरफ्तार

KK Singh – SDM Purola

उत्तरकाशी। पुरोला तहसील के एसडीएम केके सिंह को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार की सुबह विजिलेंस ने एसडीएम पुरोला को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

पुरोला के एसडीएम को अपने ही नायब तहसीलदार कमलेश्वर प्रसाद नौटियाल से दस हजार घूस लेते हुए पकड़ा है। एसडीएम की गिरफ्तारी उसके सरकारी आवास से हुई है। घटना के बाद से जिले में अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। खुद जिलाधिकारी घटना के एक घंटे बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि एसडीएम केके सिंह हमेशा से विवादों में रहे हैं। एसडीएम अपने ही नायब तहसीलदार कमलेश्वर प्रसाद नौटियाल को उसकी सीआर खराब करने की धमकी दे रहे थे। एसडीएम सीआर अच्छी लिखने की एवज में दस हजार की घूस मांग रहा था। इस पर नायब तहसीलदार ने विजिलेंस से इसकी शिकायत की।

फिर आज विजिलेंस ने एसडीएम केके सिंह को उन्हीं के आवास पर नायब तहसीलदार से घूस लेते हुए धर दबोचा। विजिलेंस टीम को तलाशी में एसडीएम आवास से साढ़े छह लाख रूपये नगद भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर जमीनों की चार रजिस्ट्रियां भी बरामद हुई हैं।

इससे पहले शनिवार को विजिलेंस की टीम ने राजस्व निरीक्षक को 25 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। विजिलेंस टीम ने राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) को चकबंदी कार्यालय में 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

टीम ने उसके बाबूगढ़ स्थित आवास की भी तलाशी ली, लेकिन वहां कुछ खास नहीं मिल सका। कानूनगो ने एक किसान से जमीन पैमाइश के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की थी। विजिलेंस ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा था।

विजिलेंस के डायरेक्टर अशोक कुमार ने मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि परगना पछवादून के एक किसान ने अपर पुलिस अधीक्षक सतर्कता प्रमोद कुमार को 24 जून को शिकायती पत्र देकर बताया था कि उसकी भूमि की मेढ़ खुर्द-बुर्द होने के कारण भूमि की हद का पता नहीं लग पा रहा है।

भूमि की पैमाइश कराने के लिए पत्नी की तरफ से पांच मई को विकासनगर के एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया था। एसडीएम के निर्देश के बाद प्रार्थना पत्र राजस्व निरीक्षक गिरधारी लाल के पास पहुंच गया था। किसान का आरोप था कि पहले तो राजस्व निरीक्षक उन्हें टरकाता रहा। 23 जून को मिलने गया तो गिरधारी लाल ने कहा कि जमीन की पैमाइश इस तरह नहीं होती है। तुम चार साल से तहसील के चक्कर लगा रहे हो।

50-60 हजार रुपये खर्च आएगा, हम हदबंदी करा देंगे। मिन्नत करने पर निरीक्षक 25 हजार रुपये पहले और 25 हजार रुपये काम होने के बाद लेने के लिए राजी हो गया। पेशगी के 25 हजार रुपये लेने के लिए शनिवार को किसान को चकबंदी कार्यालय सेलाकुई बुलाया गया। एएसपी द्वारा कराई गई गोपनीय जांच में आरोप की पुष्टि हुई तो ट्रैप टीम गठित कर दी गई।

टीम ने विगत शनिवार दोपहर एक बजे के करीब राजस्व निरीक्षक गिरधारी लाल को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। डायरेक्टर ने टीम को पांच हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।

अपर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार इस दौरान मौजूद थे। विजिलेंस डायरेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि एक साल में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम रंग लाई है।

एक साल की अवधि में 36 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें 26 सरकारी कर्मी रिश्वत लेते हुए दबोच गए है, इनमें नौ राजपत्रित अधिकारी शामिल रहे है। हालांकि पहले औसतन छह से सात लोगों की गिरफ्तारी होती रही है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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