Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

मशहूर फिल्म डॉयरेक्टर ने शुरु किया मोबाइल थियेटर, 35रु में है फिल्म देखने की वीआईपी व्यवस्था!

Published

on

फिल्म

Loading

आज के जमाने में अगर किसी शहर में फिल्म देखने का इरादा किया जाए तो टिकट के दाम 200 रु तक रहते हैं। अगर फिल्म रिलीज डेट पर देखनी होगी तो इसके लिए जेब और भी ढ़ीली करनी पड़ सकती है। ये तो हो गई शहर की बात अगर गांव की बात की जाए तो वहां या तो एक ही फिल्म लगी होती है या फिर गांव में कोई थिएटर ही नहीं होता है।

फिल्म

साभार इंटरनेट

लेकिन अब उन लोगों के लिए खुशखबरी है जो गांव में रहने के बावजूद फिल्म के दीवाने हैं। मशहूर फिल्म डायरेक्टर सतीश कौशिक ने अब कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे अब गांव वाले 35 रु में नई फिल्म देख सकते हैं। यह एक चलता फिरता सिनेमा हॉल है। दिलचस्प बात यह है कि इस मोबाइल थिएटर को कहीं भी ले जाया जा सकता है।

फिल्म

साभार इंटरनेट

आपको बता दें कि सतीश कौशिक ने बाहुबली-2 मोबाइल थियेटर में ही देखी थी। पिक्चर क्वालिटी और साउंड क्वालिटी शानदार लगी। जिसके बाद उनको ये आइडिया आया। Times of India के मुताबिक, 35 मोबाइल थियेटर तैयार हो चुके हैं और 150 मोबाइल थियेटर बनने की तैयारी हो रही है। जो गांव-गांव जाकर 35 रुपये में लोगों का मनोरंजन करेगी।

फिल्म

साभार इंटरनेट

बता दें कि ट्रक को एसेम्बल कर के मोबाइल थियेटर बनाया गया है। इस थियेटर के अंदर करीब 150 लोगों की बैठने की क्षमता है। थिएटर पूरा एयर कंडीशन, फायर प्रूफ और वेदर प्रूफ है। थिएटर को अंदर से पूरी तरह से मल्टीप्लैक्स की तरह बनाने की कोशिश की गई है। सतीश कौशिक ने कहा- भारत में मल्टीप्लैक्स की टिकट काफी महंगी है।

फिल्म

साभार इंटरनेट

शाहरुख खान और सलमान खान के लिए लोग 400 रुपये तक खर्च कर सकते हैं क्योंकि वो सुपरस्टार्स हैं। लेकिन लोग उन पर 400 रुपये खर्च नहीं करना चाहते जो बॉलीवुड में कदम रख रहे हैं। चलते-फिरते सिनेमा हॉल ये प्रोब्लम भी सॉल्व कर देगा।

फिल्म

साभार इंटरनेट

ये पूरा प्रोजेक्ट सुनील चौधरी का आइडिया है। वो चाहते हैं कि सिनेमा हॉल हर जगह पहुंचे और बजट में लोग फिल्म का आनंद ले सकें। मोबाइल सिनेमा में 35 से 75 रुपये तक की टिकट हैं। आइडिया सुनने के बाद सतीश कौशिक उनके साथ बिजनेस करने को तैयार हो गए हैं।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

Continue Reading

Trending