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हेल्थ

अगर आप यूज़ करते हैं ईयरफोन, तो एक बार जरूर पढ़ें ये ख़बर!

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अक्सर आपने देखा होगा, जो अपने कानों में ईयरफोन लगाकर अपना काम करते रहते हैं। कुछ लोग तो ड्राइविंग करते हुए भी कानों में ईयरफोन लगाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईयरफोन लगाने के कितने घातक नुकसान हो सकते हैं। ईयरफोन के शौकीन न सिर्फ खुद की जान से खलेते हैं बल्कि उनकी वजह से जो व्यक्ति नियमों का पालन करते हुए गाड़ी चला रहा है वह भी दुर्घटना का शिकार हो रहा है। चलिए जानते हैं इस ख़बर में-

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ईयरफोन यूज़ करने से होता हैं नुकसान –
अगर हम ईयरफोन का तेज ध्वनि में अत्यधिक उपयोग करते हैं तो वह हमारे कानों के पर्दो के लिए बेहद हानिकारक है। इससे हमारे कान के पर्दे कंपन करने लगेंगे, साथ ही 1 दिन ऐसी स्थिति बन जाएगी कि आपको पास में बैठे व्यक्ति की भी आवाज दूर से आएगी।
हमारे कान 65 डेसीबल तक की आवाज सहन करने में सक्षम है। जब हम ईयरफोन को उपयोग में लेते हैं तो उसमें कम से कम 100 डेसिबल की आवाज सुनाई देती है। इसका मतलब अगर हम केवल 1 दिन 10 घंटे से ज्यादा समय तक लगातार 100 डेसिबल की आवाज सुनते हैं तो हम बहरे हो सकते हैं।

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कानों में ईयरफोन लगाकर नियमित रूप से उपयोग करने पर हमें तीसरा सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि हम सर दर्द, डिप्रेशन, नींद नहीं आने और मानसिक तनाव से ग्रसित हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसी किसी परेशानी से ग्रसित है तो ईरफ़ोन का कम से कम यूज़ करें।
ईयर फोन से हमारे कानों की कोशिकाओं पर काफी गलत असर पड़ता है। अगर हम 10 मिनट तक भी नियमित रूप से कानों में ईरफ़ोन लगाते हैं तो उससे हमारे कानों की कोशिकाएं नष्ट होना शुरू हो जाती है, साथ ही तेजी से बैक्टीरिया उत्पन्न होने लगता है।
अगर आप संगीत सुनने का शौक रखते हैं और अक्सर इसे सुनने के लिए ईयर फोन का प्रयोग करने हैं, तो ध्यान रखें कि 2 घंटे से अधि‍क समय तक तेज आवाज को न सुनें। यह आपके कानों को बड़ी क्षति पहुंचा सकता है।

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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