Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

बड़े बड़े योगियों को गिरा देता है ये मन

Published

on

kripalu ji maharaj

Loading

kripalu ji maharaj

आजकल के वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ये पृथ्‍वी तो बड़ी छोटी सी है। हाँ। चन्‍द्रलोक आप देखते हैं, इसका चार सौ गुना बड़ा सूर्य और ऐसे करोड़ों सूर्यों की इससे बड़े बड़े, एक आकाश गंगा और अनन्‍त आकाश गंगा हैं। ये सब महाप्रलय में भगवान् के एक रोम में घुस जाते हैं। वो सबसे बड़े से बड़े होंगे तो कैसे प्रलय में सब भगवान् में लीन होंगे? अर्थात् वहाँ बुद्धि की गति नहीं। तो वे श्रीकृष्‍ण भगवान् जिनकी अनन्‍त शक्तियाँ और एक से एक विचित्र बुद्धि से परे वाली। उन भगवान् को अगर कोई जान ले, पा ले तो ये ‘मैं’ कौन?, ‘मेरा’ कौन? का मामला हल हो जाय। मैंने आपको डिटेल में बताया है वेदों शास्‍त्रों, पुराणों के द्वारा कि हमारे पास तीन चीज हैं- कर्मेन्द्रिया, ज्ञानेन्द्रिय, मन। ये तीनों मायिक हैं, पंचमहाभूत के। इसमें दो को हम कुछ समझते हैं, कर्मेन्द्रिय को और ज्ञानेन्द्रिय को, मन को नहीं समझ सकते। ये किधर रहता है मन? कैसा होता है? आँख को देख रहे हैं, कान को देख रहे हैं, नासिका को देख रहे हैं, ज्ञानेन्द्रियों को और हाथ पैर कर्मेन्द्रियों को भी देख रहे हैं, अनुभव कर रहे हैं। अनुभव तो मन का भी कर रहे हैं। लेकिन वो कहाँ है? कैसा है? अजी वो सूक्ष्‍म होता है। ओ! बड़ा विचित्र है वो। नचा रखा है सब बड़े बड़े योगियों को, योगियों के अलावा ज्ञानियों को भी-

आरूढ योगोऽपि निपात्‍यतेऽधः।

(शंकराचार्य)

शंकराचार्य भी कहते हैं कि ये मन ऐसा है कि आरूढ योगी जो हैं सिद्ध ज्ञानी, उनको भी गिरा देता है-

जीवन्‍मुक्‍ता अपि पुनर्बन्‍धनं यान्ति।

(वासना भाष्‍य)

योगिनः कृतमैत्रस्‍य पत्‍युर्जायेव पुंश्र्चली।

(भाग. 5-6-4)

बड़े बड़े योगियों को गिरा देता है ये मन। तो ये मन हो, चाहे ज्ञानेन्द्रिय हो, चाहे कर्मेन्द्रिय हो तीनों से परे है वो। जिसको पाकर ‘मैं’ और ‘मेरा’ ये प्रश्‍न हल होगा और आपका एम दिव्‍यानन्‍द, अनिर्वचनीय, अपरिमेय अपौरुषेय परमानन्‍द मिलेगा। लेकिन निराश होने की बात नहीं। भगवान् ने वेदों में कहा मैं जिसको अपनी शक्ति दे देता हूँ अपनी आँख, अपने कान, अपनी इन्द्रियाँ, अपना मन, अपनी बुद्धि यानी सब दिव्‍य दिव्‍य दिव्‍य हो जाते हैं। वो मुझ दिव्‍य को जान लेता है, देख लेता है, पा लेता है, मनुष्‍यों की तरह व्‍यवहार करता है। उनके पाने का उपाय भी पूछा गया तो बताया गया कि तीन मार्ग हैं- कर्म, ज्ञान, भक्ति।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

Published

on

Loading

लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

Continue Reading

Trending