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आध्यात्म

अनादिकाल से जीव अपने स्‍वामी से विमुख है

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kripalu ji maharaj

कृष्‍ण बहिर्मुख जीव कहँ, माया करति अधीन।

ताते भूल्‍यो आपु कहँ, बन्‍यो विषय-रस-मीन।। 5।।

भावार्थ- अनादिकाल से जीव अपने स्‍वामी से विमुख है। अतएव माया ने वश में कर लिया है। परिणामस्‍वरूप जीव स्‍वयं को देह मानने लगा एवं संसारी विषयों में आसक्‍त हो गया।

व्‍याख्‍या- कुछ भोले भाले ज्ञानाभिमानी माया तत्‍व को ही नहीं मानते। अतः माया तत्‍व पर गंभीर विचार कर लीजिये। वेद कहता है। यथा-

मायां तु प्रकृतिं विद्यान्‍मायिनं तु महेश्‍ वरम् ।

तस्‍यावयवभूतैस्‍तु व्‍याप्‍तं सर्वर जगत् ।।

(श्‍वेता. 4-10)

अस्‍मान्‍मायी सृजते विश्‍ वमेतत् तस्मिंश्र्चान्‍यो मायया संनिरुद्धः।

(श्‍वेता. 4-9)

ब्रह्मैव स्‍वशक्तिं प्रकृत्‍यभिधेयां आश्रित्‍य लोकान्‍सृष्‍ट्वा…।

और भी –

अजामेकां लोहितशुक्‍लकृष्‍णां बह्वीः प्रजाः सृजमानां सरूपाः।

(श्‍वेता. 4-5)

क्षरं प्रधानममृताक्षरं हरः क्षरात्‍मानावीशते देव एकः।

(श्‍वेता. 1-10)

द्वे अक्षरे ब्रह्मपरे त्‍वनन्‍ते विद्याविद्ये निहिते यत्र गूढे।

क्षरं त्‍वविद्या ह्यमृतं तु विद्या विद्याविद्ये ईशते यस्‍तु सोऽन्‍यः।।

(श्‍वेता. 5-1)

ब्रह्मसूत्र भी- ईक्षतेर्नाशब्‍दम्।  (ब्रह्मसूत्र 1-1-5)

रचनानुपपत्‍तेश्‍ च।  (ब्रह्मसूत्र 2-2-1)

गीता भी- दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्‍यया।   (गीता 7-14)

मयाध्‍यक्षेण प्रकृतिः सूयते सचराचरम् ।   (गीता. 9-10)

भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च।  (गीता 7-4)

अपरेयमितस्‍ त्‍वन्‍यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् ।। (गीता 7-5)

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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