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आध्यात्म

भागवत में 5 मुक्ति धर्म ही है

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kripalu ji maharaj

किंतु मुक्ति के विषय में बुद्धिमानों को भी आश्‍चर्य होता है कि उसे चुड़ैल क्‍यों कहा? मुक्ति तो भुक्ति रूपी चुड़ैल से छुटकारा दिलाकर ब्रह्मानन्‍द प्रदान करती है। कृपा द्वारा ही करोड़ों जीवन्‍मुक्‍त परमहंसों में किसी बड़भागी को ही प्रेमानन्‍द प्राप्‍त होता है। यथा-

मुक्‍तानामपि सिद्धानां नारायणपरायणः।  (भाग. 6-14-5)

यथा- वेदव्‍यास, सनकादिक, शुकादिक।

उपर्युक्‍त सायुज्‍य मुक्ति को चैतन्‍य देव ने कैतव माना है यथा-

अज्ञानतमेर नाम कहयि कैतव।  (चै. च.)

अर्थात् धर्म अर्थ काम की कामना रखने वाले अज्ञानियों से भी बड़ा अज्ञानी सायुज्‍य मुक्ति चाहता है। भागवत के प्रारम्‍भ में ही यथा-

’धर्मः प्रोज्झित कैतवः’    (भाग. 1-1-2)

अर्थात् भागवत में कैतव रहित (5 मुक्ति) धर्म ही है। शंकरानुयायी श्रीधर ने भी यह माना है।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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