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आध्यात्म

कुमारावस्‍था में ही साधना प्रारम्‍भ कर दो

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शक्ति होने की बात ही मिथ्‍या है।

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kripalu ji maharaj

भागवत कहती है कि-

कौमार आचरेत्‍प्राज्ञो धर्मान् भागवतानिह।

दुर्लभं मानुषं जन्‍म तदप्‍यध्रुवमर्थदम् ।।

(भाग. 7-6-1)

अर्थात् कुमारावस्‍था में ही साधना प्रारम्‍भ कर दो। क्‍योंकि अगली अवस्‍था मिले न मिले। किंतु हम लोग केवल शब्‍द बोल देते हैं। यदि कोई मृतक शमशान ले जाते समय उठ बैठे तो राम नाम सत्‍य का नारा बंद कर देंगे। ऐसा क्‍यों? अगर आपकी लड़की पालकी पर बैठकर ससुराल जा रही हो और कोई राम नाम सत्‍य बोल दे तो एक काण्‍ड खड़ा हो जाय। महाभारत में एक कथा है। तदनुसार एक जलस्‍थ यक्ष ने युधिष्ठिर से 60 प्रश्‍न पूछे थे। उसमें एक प्रश्‍न यह था। यथा- किमाश्‍चर्यम् ? अर्थात् सबसे बड़ा आश्चर्य क्‍या है? युधिष्ठिर ने उत्‍तर दिया था। यथा-

अहन्‍यहनि भूतानि गच्‍छन्‍तीह यमालयम् ।

शेषाः स्थिरत्‍वमिच्‍छन्ति किमाश्‍ चर्यमतः परम् ।।

(महाभारत)

अर्थात् प्रतिदिन लोग मर रहे हैं। य‍ह देखते हुये भी शेष लोग स्‍वयं को अमर मानते हैं। अतः भविष्‍य की बड़ी- बड़ी योजनायें (संसारी) बनाते हैं। तात्‍पर्य यह कि यदि सौभाग्‍यवश तत्‍तवज्ञान भी हो जाय। और उधार करता जाय, तो कभी कुछ न कर सकेगा। अतः वेद कहता है। यथा-

न श्‍ वः उपासीत को हि पुरुषस्‍यश्वो वेद।   (वेद)

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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