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मुख्य समाचार

दिल्ली सरकार का लेबर घोटाला, 50 फीसदी से ज्यादा मजदूर फर्जी

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Labor scam of Delhi government

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नई दिल्ली। कल 4 दिसंबर को दिल्ली नगर निगम (MCD) के लिए वोट डाले जाने से ठीक पहले आज दिल्ली सरकार का एक घोटाला सामने आया है। दिल्ली में पंजीकृत 50 फीसदी से ज्यादा निर्माण मजदूर फर्जी पाए गए हैं। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने एक सर्वे में इस बात का खुलासा किया है। इसको लेकर भाजपा ने दिल्ली सरकार पर हमला बोला है।

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दो लाख से अधिक फर्जी रजिस्ट्रेशन

ACB ने प्रथम दृष्टया 13,13,309 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों में से दो लाख से अधिक को फर्जी पाया। इसके बाद इसने 800 को सैंपल साइज के रूप में लिया और उनमें से 424 को “फर्जी” पाया। उनमें कई समान मोबाइल नंबर और समान स्थानीय पते वाले और कुछ समान स्थायी पते वाले शामिल थे।

प्रत्येक नंबर, जिनमें से अधिकांश या तो बंद थे या अमान्य थे। जवाब देने वालों ने कहा कि वे किसी नितिन को नहीं जानते हैं।”जब लाभार्थियों से फोन पर संपर्क किया गया, तो वे या तो अलग-अलग रोजगार में थे या गृहस्थी में थे।

65 हजार के मोबाइल नंबर सेम

एक अधिकारी ने कहा कि एक जैसे नंबर वाले कई लाभार्थियों की जांच करने पर पता चला है कि वे दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे थे और किसी निर्माण कार्य में शामिल नहीं रहे। 65 हजार ऐसे कंस्ट्रक्शन मजदूर ऐसे हैं, जिनका मोबाइल नम्बर एक ही है।

दिल्ली श्रम विभाग में साल 2006 से 13 लाख से अधिक वर्कर्स की रजिस्ट्री हुई है। 2018 से इसमें 10 लाख रजिस्ट्री हुई हैं। इसको लेकर शिकायत आई है कि इसमें करोड़ों का घपला हो रहा है। आरोप है कि इसमें घोस्ट रजिस्ट्री हुई हैं।

केजरीवाल सरकार ने खर्च किए थे 350 करोड़

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2 नवंबर 2022 को घोषणा की कि दिल्ली सरकार बोर्ड से पंजीकृत लगभग 10 लाख श्रमिकों को 5000 रुपए सहायता राशि देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर निर्माण कार्य पर रोक है, इसलिए ये सहायता राशि दी जा रही है। इस सहायता राशि पर 5000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पिछले साल कोविड के दौरान केजरीवाल सरकार ने इस मद से 350 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

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नेशनल

दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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