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लोकसभा में बोले अधीर रंजन-भौगोलिक रूप से कश्मीर हमारे साथ लेकिन….

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) लगाया गया है। शुक्रवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप इस तरह से कश्मीर पर शासन नहीं कर सकते हैं।

अधीर रंजन ने कहा, भौगोलिक रूप से कश्मीर हमारे साथ है, लेकिन भावनात्मक रूप से नहीं। कल संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बात की और रात में उन पर पीएसए लगा दिया गया।

अधीर रंजन से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पीएसए लगाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

चिदंबरम ने कहा, ‘उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं। आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र का सबसे घटिया कदम है। जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा क्या विकल्प होता है?’

हालांकि, सरकार का कहना है कि 6 नेताओं ने उनके नियमों और शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था, इसलिए उन पर पीएसए लगाया गया है। दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को हिरासत में रखा गया था।

जिसके बाद सरकार ने एक बॉन्ड पर सिग्नेचर कराकर कई नेताओं को रिहा किया गया। लेकिन फारूक, उमर, महबूबा समेत 6 नेताओं ने इस बॉन्ड पर सिग्नेचर करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद उन पर पीएसए लगाया गया। यह बॉन्ड 370 के खिलाफ प्रदर्शन न करने की गारंटी थी। उमर और महबूबा को उनके घर पर शिफ्ट करके नजरबंद कर दिया गया है।

 

नेशनल

जम्मू कश्मीर के बडगाम में गैर कश्मीरियों पर आतंकी हमला, दो मजदूरों को मारी गोली

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जम्मू। जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकियों ने गैर-कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाया है. घायल दो मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पिछले 30 दिनों में घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला है.

घायल मजदूरों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मजदूरों को गोली मारी जाने की घटना के बाद पूरे बडगाम इलाके में हड़कंप मच गया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं.

सूत्रों ने बताया, जम्मू और कश्मीर (जेके) के बडगाम जिले में शुक्रवार शाम आतंकवादियों की गोलीबारी में दो गैर-स्थानीय लोग घायल हो गए. दोनों घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. समय रहते इलाज कर डॉक्टरों ने घायल मजदूरों की जान बचाई. उनके प्रयासों की हर कोई सराहना कर रहा है. उन्होंने बताया कि यह घटना जिले के मगाम इलाके के पास माझामा गांव में हुई.

मिली सूचना के अनुसार, हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया. हालांकि आतंकी अभी सुरक्षा बलों की गिरफ्त से बाहर हैं. सुरक्षा बल उनकी तलाश के लिए चप्पे-चप्पे में जुटे हुए हैं. बडगाम के हर इलाके में आतंकियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.

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