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लोकसभा चुनावः ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गलत समय पर हुआ तारीखों का एलान, जानिए किस पार्टी पर पड़ेगा बुरा असर!

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव की घोषणा रविवार को चुनाव आयोग द्वारा कर दी गई। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि 11 अप्रैल से देशभर में आम चुनाव शुरु हो जाएंगे।

 

उन्होंने बताया कि पूरे देश में आम चुनाव 7 चरणों में होंगे। आयोग ने रविवार शाम 5 बजकर 29 मिनट से तारीखों का ऐलान शुरू किया। इस समय पर चुनाव की तारीखों के एलान पर ज्योतिष क्या कहते हैं आईए जानते हैं।

 

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक जिस समय लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई उस समय क्षितिज पर सिंह राशि उदित थी। चंद्रमा मेष राशि में विद्यमान था। दक्षिण भारत में विेशेष मान्य राहु काल भी बना हुआ था।

 

यह इस बात का संकेत है कि आगामी लोकसभा चुनाव कई अरोप-प्रत्यारोप और आशंकाओं से ग्रस्त रहने वाला है। तारीखों के ऐलान से चुनाव प्रक्रिया और परिणाम के आकलन का प्रयास कर रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा।

 

लग्न राशि सिंह स्थिर स्वभाव रखती है। स्वामी सूर्य है। लग्नचक्र में यह वर्गात्तम है। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन चुनाव प्रक्रिया पर हावी रहने वाला है।

 

इससे शासन-प्रशासन के सहयोगियों को राहत होगी। विरोधी को संघर्ष करना होगा। अतः चुनाव में व्यवधान की सोच रखने वाले शांत रहें, यही उनके लिए अच्छा है। हालांकि, राहुकाल और अग्नितत्व राशियों के प्रभाव से कई प्रक्रियागत व्यवधान आना तय है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, घोषणा के दौरान चंद्रमा का केतु के नक्षत्र अश्विनी में संचरण था। इसका प्रभाव यह होगा कि चुनाव पर जन भावनाओं का गहरा प्रभाव रहेगा। जो भी दल और गठबंधन सत्ता में आएगा अच्छा बहुमत लेकर आएगा।

 

लग्न चक्र में चंद्रमा का भाग्य स्थान में होना जताता है कि आस्था और विश्वास की प्रबलता मतदान पर हावी रहेगी. मतदान दल विभिन्न अवरोधों के बावजूद अपेक्षित परिणाम पाएंगे। वोटिंग परसेंटेज उम्मीद से अच्छा रहेगा. पहले की तुलना में बड़ी संख्या में मतदाता चुनाव करने गृह क्षेत्र पहुंचेंगे।

चुनाव में जातिवाद धर्म सम्प्रदाय, समुदाय और आपसी भरोसे का गहरा प्रभाव रहेगा। राष्ट्रवाद क्षेत्रवाद की प्रमुखता कमतर ही रहेगी। व्यक्तिवाद चुनाव परिणामों को खासा प्रभावित करेगा। अर्थात स्थापित पुराने चेहरों में अधिकतर जीत दर्ज कर सकते हैं।

सत्ता पक्ष के लिए चुनाव तारीखों की घोषणा का समय सकारात्मकता बढ़ाने वाला है। सत्ता और चुनाव आयोग दोनों के विरोधियों को उभरने से पहले ही अप्रभावी कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग साख सम्मान बढ़ाने में सफल होगा।

राहुकाल प्रमुखतः दक्षिण भारत में विचारा जाता है। इस दौरान यात्रा से विशेषतः बचा जाता है। चुनाव तारीखों की घोषणा का समय पूर्व निर्धारित था। ऐसे में राहुकाल का दोष कम हो जाता है। इसके बावजूद मतदान प्रक्रिया के दौरान अप्रत्याशित अड़चनों के आने की आशंका प्रबल नजर आती है।

लग्न कुंडली के अन्य पक्षों के अनुसार दलों में अंतर्विरोध यानी भीतरघात कम ही नजर आएगा। अधिकतर कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी के साथ खड़े रहेंगे। राज्य स्तरीय दल गठबंधन की राजनीति से बलवान होंगे।

शनि-केतु विद्या-बुद्धि के भाव में होने से उसे कमजोर कर रहे हैं। तार्किकता की अपेक्षा अफवाहों का हावी होना अक्सर बना रहेगा। ऐसे में जनता के मूड को समझना किसी भी सर्वे और चुनावी विश्लेषक के लिए दुष्कर होगा। चुनाव परिणाम निश्चित रूप से अप्रत्याशित होंगे।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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