Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

लोकसभा चुनाव 2019: राहुल गांधी क्यों लड़ रहे हैं वायनाड से चुनाव, हो गया खुलासा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के एलान के बाद से सभी राजनीतिक दल चुनावी मोड में आ गए हैं। हर राजनीतिक पार्टी वोटरों को अपने पक्ष में करना के लिए पूरा जोर लगा रही है।

जहां एक ओर पीएम नरेंद्र मोदी फिर से सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं वहीं राहुल गांधी न्याय योजना और रोजगार देने के वादों पर सत्ता में आने की कोशिश में हैं।

लोकसभा चुनाव अलग-अलग राज्यों में ज्यादा सीटें पाने के लिए राजनीतिक दल बेहद रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में राहुल गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने को देखा जा रहा है।

राहुल गांधी और वायनाड का बहुत पुराना रिश्ता रहा है। आज हम आपको राहुल गांधी और वायनाड के बीच का एक ऐसा कनेक्शन बताएंगे जो शायद ही किसी को पता होगा।

वायनाड से गांधी परिवार का राजनीतिक ही नहीं, भावनात्मक रिश्ता भी जुड़ा है। इस जगह पर राहुल गांधी के पिता स्वर्गीय राजीव गांधी की अस्थियां विसर्जित की गईं थीं।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या हुई थी। उनकी हत्या के बाद केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरन ने वायनाड के पापनाशिनी नदी में राजीव गांधी की अस्थियों को विसर्जित किया था।

उस वक्त पिता की अस्थियों को पापनाशिनी नदी में विसर्जित करने के लिए राहुल गांधी खुद गए थे। वे पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के साथ वायनाड गए थे।

राहुल गांधी ने पिता राजीव गांधी की अस्थियों के साथ पहले थिरुनेल्ली मंदिर में पूजा की। इसके बाद वे करुणाकरन के साथ वायनाड की पापनाशिनी नदी में राजीव गांधी की अस्थियां विसर्जित करने के लिए गए।

राहुल गांधी अब एक बार फिर उसी जगह से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यह ऐसी जगह है जो केरल के साथ ही तमिलनाडु और कर्नाटक से भी सटी हुई है। शायद यही वजह है कि राहुल ने दोनों राज्यों को साधने के लिए इस सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending