उत्तराखंड
अज्ञात बदमाशों ने गृहस्वामी को घायल कर लाखों के गहने उड़ाये
देहरादून। देहरादून जिले के विकासनगर में हथियारबंद अज्ञात बदमाशों ने एक बीमा कंपनी के कर्मचारी और उसकी पत्नी को घायल कर लाखों की ज्वेलरी और नगदी लूट ली। घटना सहसपुर थाना क्षेत्र के बैरागीवाला गांव में देर रात हुई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ बदमाशों की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पीतांबर पाल निवासी बैरागीवाला पल्स इंश्योरेंस कंपनी में काम करते हैं। वह बैरागीवाला गांव में पत्नी शशी और दो बेटों प्रियांशु (10) और पीयूष (8) के साथ रहते हैं। गत सोमवार की रात करीब पौने दो बजे वह परिवार के साथ घर के एक कमरे में सो रहे थे। इसी दौरान बदमाश जाली के दरवाजे की कुंडी तोड़कर कमरे में दाखिल हो गए। बदमाश चुपचाप आलमारी का लॉकर तोडने लगे।
आवाज सुनकर पीतांबर की नींद खुली। जैसे ही उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की, एक बदमाश ने डंडे से उनके सिर पर वार कर दिया, जिससे वे बेहोश हो गए। बदमाशों ने उन्हें कोई नशीली चीज भी सुंघाई। बगल में सोई पत्नी उठी तो बदमाशों ने उस पर भी डंडा मारा। डंडा उनकी गर्दन पर लगा, उन्हें चुप रहने को कहा, दोनों बेटों को भी धमका कर चुप करा दिया गया।
बाद में बदमाशों ने पूरे घर को खंगाला। बैडरूम में मौजूद आलमारी का लॉकर तोड़ दिया। वहां रखी लाखों की ज्वैलरी और करीब बीस हजार रुपये लेकर बदमाश फरार हो गए। जिसके बाद परिवार वालों ने हल्ला मचाया, लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। लूटपाट की इस वारदात से क्षेत्र में हड़कम्प मचा हुआ है।
मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी लेने के साथ निजी वाहन से पीतांबर पाल को अस्पताल में दाखिल करवाया। सीओ चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि मौके से एक्सपर्ट ने फिंगर प्रिंट उठाए हैं। बदमाशों की धरपकड़ के लिए क्षेत्र की नाकेबंदी कर दी गयी है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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