Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

भगवान राम और माता सीता की उम्र में था इतने वर्षों का अंतर, इस तरह खुला राज!

Published

on

Loading

नई दिल्ली। रामायण को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है। देश में आपको शायद ही ऐसा कोई इंसान मिलेगा जो पुरूषोत्तम श्रीराम और रामायण के बारे में न जानता हो।

हालांकि भगवान राम से जुड़ी बहुत सी ऐसी बाते हैं जो लोगों को नहीं पता हैं। आज हम आपको भगवान श्रीराम से जुड़ी एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो शायद ही किसी को पता होगी।

क्या आपको पता है श्रीराम और माता सीता की उम्र में कितने वर्षों का अंतर था? अगर आपका जवाब न है तो हम बताते हैं। रामायण के एक दोहे ‘वर्ष अठारह की सिया, सत्ताइस के राम। कीन्हों मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम॥’ के अनुसार श्रीराम औऱ माता सीता में 9 साल का अंतर था। हालांकि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम माता सीता से 7 साल और एक महीने बड़े थे।

व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

Published

on

Loading

मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

Continue Reading

Trending