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मुख्य समाचार

मध्य प्रदेशः भोपाल में 48 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव, बीते दिन मिले 3,639 नए केस

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भोपाल में पिछले डेढ़ सप्ताह में वरिष्ठ अधिकारियों सहित कम से कम 48 पुलिसकर्मी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। भोपाल पुलिस के अनुसार, अधिकांश कोविड पॉजिटिव कर्मी विशेष सशस्त्र बलों के हैं। उनमें से सात जिला पुलिस बल में सेवारत हैं और दो यातायात विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) हैं। कई मामलों में, कोविड संक्रमित पुलिस अधिकारियों के परिवार के सदस्यों ने भी पॉजिटिव परीक्षण किया है।

इसलिए, जिला पुलिस ने अधिकारियों को कोविड सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है और उन्हें फील्ड वर्क के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (भोपाल), सचिन अतुलकर ने कहा, पुलिस को सलाह दी जाती है कि वे फील्ड वर्क के बाद घर जाते समय सावधान रहें और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए कोविड मानदंडों का पालन करें। पुलिस स्टेशनों को प्रतिदिन साफ किया जा रहा है और अन्य कोविड सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जा रहा है। लोगों के साथ-साथ आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्ती से पालन किया गया।

भोपाल जिला पुलिस ने कोविड संक्रमित पुलिसकर्मियों के साथ संवाद करने और उनके स्वास्थ्य की स्थिति की नियमित निगरानी करने और जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क करने के लिए एक विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। इनमें से अधिकांश पुलिसकर्मी होम आइसोलेशन के तहत ठीक हो रहे हैं।

अभी तक, विशेष रूप से पुलिस के लिए कोई क्वोरंटीन सेंटर स्थापित नहीं किया गया है, हालांकि, यह व्यवस्था जल्द ही लागू हो जाएगी। मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में दैनिक कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है और बुधवार को कुल 3,639 नए संक्रमण सामने आए।

पिछले 12 दिनों में, राज्य ने कुल 16,741 कोविड संक्रमण दर्ज किए हैं, जिनमें से अधिकांश इंदौर और भोपाल में हैं। हालांकि, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर और सागर जैसे अन्य जिलों में भी वृद्धि देखी गई है। पॉजिटिविटी रेट, जो 1 जनवरी को 1 प्रतिशत से कम थी, बुधवार तक बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गई।

 

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नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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