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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश चुनावः साधु-संतो ने इस पार्टी के समर्थन का किया एलान, नाम जानकर नहीं होगा यकीन!

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भोपाल। 28 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लोगों को अपने पक्ष में करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।

जहां एक ओर सीएम शिवराज के लिए अपने 15 साल की सत्ता बचाने की चुनौती है वहीं कांग्रेस इस बार व्यापमं और राफेल को मुद्दा बनाकर बीजेपी को जमकर घेरने की कोशिश कर रही है।

इस बीच साधु संतों ने चुनाव के मद्देनजर एक ऐसा फैसला लिया है कि जानकर आपको भी हैरानी होगी। मध्यप्रदेश के जबलपुर में शुक्रवार को साधु-संतों ने ‘नर्मदा संसद’ का आयोजन किया और इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।

नर्मदा नदी के तट पर ‘नर्मदा संसद’ का आयोजन कंप्यूटर बाबा ने किया। उन्हें शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा मिला था। कुछ महीने बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था।

इस संसद में प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में साधु-संत यहां पहुंचे। उन्होंने अपनी बात कही। साथ ही कहा, “जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।”

कंप्यूटर बाबा ने खुले तौर पर शिवराज सरकार पर कई आरोप लगाए और कहा, “इस सरकार को सबक सिखाने का समय आ गया है, कांग्रेस को पांच साल का मौका देना चाहिए। माफ करें शिवराज और माफ करें महाराज, आइए कांग्रेस को मौका देते हैं।”

नर्मदा संसद में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि चुनाव में साधु-संत कांग्रेस के लिए काम करेंगे। कंप्यूटर बाबा ने कहा, “शनिवार से साधु-संत कांग्रेस के लिए जुट जाएं और नई सरकार बनाएं।”

मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सरकार और कंप्यूटर बाबा में जमकर तनातनी चलती रही है। बाबा अब लगातार राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाकर संतों का सम्मेलन कर रहे हैं।

 

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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