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उत्तर प्रदेश

महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ संगम किनारे लगे माघ मेले का समापन

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प्रयागराज।प्रयागराज के संगम तट में लगे आस्था के सबसे बड़े वार्षिक समागम माघ मेले के आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि का सकुशल समापन हो गया। महाशिवरात्रि पर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से इस बार के माघ मेले को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए कई नवाचार भी किए गए।

महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

त्रिवेणी के तट पर लगे माघ मेले के आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। माघ मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक सुबह से ही संगम में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार संगम में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई है। उन्होंने यह भी बताया है कि 54 दिनों तक चले इस माघ मेले के 6 प्रमुख स्नान पर्वों पर 3 करोड़ 27 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है।

आगामी महाकुंभ के लिए नवाचार की प्रयोगशाला बना माघ मेला

आगामी महाकुम्भ की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर इस बार माघ मेले का आयोजन योगी सरकार ने किया था।इसीलिए यह माघ मेला महाकुंभ के लिए नवाचार की प्रयोगशाला भी रहा। माघ मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद बताते हैं कि इस बार के माघ मेले में कई नए नवाचार किए गए। माघ मेला में पहली बार रोशनी की सतत व्यवस्था और विद्युत की बचत के लिए 165 से अधिक एलइडी सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी। स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में 21 हजार शौचालय बनाए गए हैं। माघ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 10 वाटर एटीएम लगाए गए । मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर थीमैटिक और स्पाइरल लाइट का इस्तेमाल किया गया।

इसके अलावा मेला क्षेत्र के पॉन्टून पुल में पहली बार डेलिनेटर्स लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है । मेला क्षेत्र के दो पांटून पुल में इसका प्रयोग किया गया। सिंचाई विभाग की तरफ से मेला क्षेत्र में नदियों के पानी के बहाव से होने वाले कटाव को रोकने के लिए पहली बार जियो बैग का इस्तेमाल किया गया। माघ मेला में आने वाली श्रद्धालुओं और पर्यटकों की लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी पहली बार प्रभावी रूप से किया गया ।

पर्यटन विभाग की तरफ से किए गए नव्य प्रयोग

माघ मेला में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन विभाग की तरफ से भी अभिनव प्रयोग किए गए। उत्तर प्रदेश का पहला फ्लोटिंग रेस्टोरेंट भी इसी माघ मेले के समय यमुना नदी की लहरों में बोट क्लब में शुरू किया गया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद इसका उद्घाटन किया। फ्लोटिंग रेस्टोरेंट शुरू करने के साथ यमुना नदी में मिनी क्रूज की बोटिंग सेवा भी शुरू की गई है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि यमुना नदी में त्रिवेणी क्लब से सुजावन देव मंदिर तक मिनी क्रूज बोटिंग की सेवा शुरू की गई है। इसके लिए ₹240.00 लाख की लागत से दो मिनी क्रूज तैयार हुए जो पर्यटकों को यमुना नदी में जल पर्यटन की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। माघ मेले में अप्रवासी भारतीयों को हेरिटेज वॉक का मौका मिला । टूर कंपनी होली वाटर्स इंडिया जर्निज के संचालक नीलेश नारायण के मुताबिक इस बार माघ मेला आए 50 सदस्यीय अप्रवासी भारतीयों व विदेशी पर्यटकों को संगम स्नान के बाद शहर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का हेरिटेज वॉक कराया गया । इसके अंतर्गत धार्मिक आश्रमों और अखाड़ों के दर्शन भी शामिल है । आगामी महाकुंभ के लिए ये नवाचार उपयोगी हो सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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