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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ-2025: स्मार्ट होंगे प्रयागराज के मुख्य मार्गों के ढाबे ,रेस्टोरेंट और होटल्स

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प्रयागराज| योगी सरकार महाकुंभ को भव्य, दिव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत अब योगी सरकार महाकुंभ पहुंचने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मुख्य मार्गों पर बेहतर सुविधाएं देने के लिए ढ़ाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स को नया स्वरूप दे रही है। इसके लिए योगी सरकार उन्हे सब्सिडी दे रही है।

मुख्य मार्गों में पड़ने वाले ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स होंगे स्मार्ट

प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि प्रयागराज आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का अनुभव हो, इसके लिए योगी सरकार प्रमुख मार्गों में पड़ने वाले प्रमुख ढाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स को स्मार्ट बनाने जा रही है। इसके लिए इनके 75 प्रतिनिधियों का चयन किया गया है, जिन्हे शुक्रवार से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें लखनऊ प्रयागराज, कानपुर प्रयागराज, रीवा प्रयागराज, चित्रकूट प्रयागराज , मिर्जापुर प्रयागराज और वाराणसी प्रयागराज मार्ग में पड़ने वाले ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स शामिल हैं।

प्रशिक्षण में खानपान, बैठने की व्यवस्था और स्वच्छता के बिंदुओं पर फोकस

बता दें कि महाकुंभ के प्रमुख मार्गों पर आने वाले इन चयनित ढाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स में बुनियादी सुविधाओं की कमी थी। ऐसे में इनमें किचन, सिटिंग एरिया और पार्किंग स्थल को नया स्वरूप देने की योजना तैयार की गयी है। इसी के साथ चयनित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा प्रतिनिधियों को सरकार की तरफ से सहयोग और सब्सिडी दोनों दी जा रही है। प्रदेश की नई पर्यटन नीति में प्रदेश में एग्रो और इको टूरिज्म के साथ धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की अपार संभावनाएं हैं। इसमें 22 नई गतिविधियों को जोड़ा है। इसमें वेलनेस रिसार्ट , हेरिटेज होम स्टे , बजट होटल, हेरिटेज होटल, स्टार होटल, इको टूरिज्म की ईकाइयां, कारवां टूरिज्म, यूनिट, प्रदर्शनी, तीर्थयात्रा, धर्मशालाएं, आल वेदर सीजनल कैंप, जलाशय, झील, वेलनेस टूरिज्म तथा एडवेंचर टूरिज्म शामिल हैं। इसी का विस्तार करने के लिए प्रमुख मार्गों के बड़े ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स को शामिल किया गया है। इन्हें निवेश के लिए दी जाने वाली राशि में 25 फीसदी की सब्सिडी भी दी जा रही है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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