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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 विशेष : तीर्थराज प्रयागराज बन रहा देश की आस्था का केंद्र

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प्रयागराज| महाकुंभ 2025 को दुनिया का सबसे भव्य सांस्कृतिक आयोजन बनाने जा रही योगी सरकार ने प्रयागराज के घाट पर अपने सबसे कुशल अफसरों को उतार दिया है। सरकार की धर्म कर्म को लेकर स्पष्ट नीति के परिणामस्वरूप देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। यहां तक कि विदेश से भी लोग अपनी सात-सात पीढ़ियों को मोक्ष दिलाने के लिए संगम नगरी पहुंचने लगे हैं। योगी सरकार का अधिकारियों को सख्त निर्देश है कि बाहर से बड़ी संख्या में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या ना आने पाए। महाकुंभ को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। आस्था और विश्वास को लेकर प्रतिदिन उमड़ते लोगों के मद्देनजर तीर्थराज प्रयाग एक तरह से देश का धार्मिक केंद्र बनता जा रहा है।

बढ़ने लगी श्रद्धालुओं की संख्या

प्रयागराज में संगम घाट के पुरोहित पंडित महेंद्र नाथ शर्मा ने बताया कि महाकुंभ से पहले ही देश विदेश से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आने वाले अप्रवासियों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। यहां बड़ी संख्या में लोग अपनी सात- आठ पीढ़ियों को मुक्ति दिलाने के लिए कर्मकांड करने आ रहे हैं। इसके अलावा भारत के बाहर से भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग आते हैं, जिन्हें इतनी लंबी पीढ़ियों की जानकारी नहीं होती। प्रयागराज के घाट पर मौजूद पुरोहित उन्हें इस तरह की लिखित जानकारी भी उपलब्ध करा रहे हैं।

योगी सरकार के रात दिन चल रहे नव निर्माण देखकर लोगों में उत्साह

प्रयागराज के प्रसिद्ध प्रयागवाल सुब्रह्मण्यम शास्त्री उर्फ चारी जी के अनुसार, योगी सरकार के रात दिन चल रहे नवनिर्माण को देखकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ अप्रवासियों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रयागराज के घाट पर ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा के पास आने वाले लोगों की लंबी कतार लगने लगी है।

देश के कोने-कोने से आ रहे श्रद्धालु

महाकुंभ की तैयारियों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना के अलावा कई राज्यों से हजारों लोगों का अनुष्ठान प्रयागराज के पुरोहित प्रतिदिन करा रहे हैं। इनके अलावा अमेरिका, कनाडा, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, रूस में भी रहने वाले भारतीय मां गंगा को प्रणाम करने आने लगे हैं। इनमें बड़ी संख्या में लोग अपने पूर्वजों की अस्थियां भी लेकर आ रहे हैं।

धार्मिक कार्यों के लिए टीम वर्क

संगम के तट पर धार्मिक कार्यों के कुशल प्रबंधन के लिए पूरा टीम वर्क किया जा रहा है। इसी तरह की जिम्मेदारी देख रहे पंकज पांडे बताते हैं कि यहां आने वाले लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान करते हैं। ब्राह्मणों को दान देते हैं, जिससे यहां बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है।

ऐतिहासिक महत्व

ऐसी मान्यता है कि इक्ष्वाकुवंशीय राजा भगीरथ ने कड़ी तपस्या से गंगा को पृथ्वी पर अवतरित किया। जिसके बाद कपिल मुनि के श्राप से भस्म साठ हजार सगरपुत्रों को मुक्ति दिलाई। मां गंगा को पृथ्वी पर लाने का श्रेय भगीरथ को ही है। इनके नाम पर ही माता को भागीरथी भी कहा गया है।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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