आध्यात्म
कल से प्रारंभ है महापर्व छठ पूजा, जाने चार दिवसीय कैलेंडर और शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली। दीपावली के बाद पड़ने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) इस साल 28-31 अक्टूबर के बीच है। छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है, जिसमें प्रात:काल में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं।
यह भी पढ़ें
लखनऊ: श्री खाटू श्याम मन्दिर में धूमधाम से मना अन्नकुट महा महोत्सव
CM योगी की मंत्री ने कहा- PM मोदी भगवान का अवतार, पूरे जीवन बने रहें प्रधानमंत्री
छठ पूजा एक दिन नहीं बल्कि चार दिवसीय उत्सव है। नहाय खाय से प्रारंभ होने वाले लोक आस्था के इस महापर्व का समापन प्रात:कालीन सूर्य को अर्घ्य देकर होता है। छठ पूजा में निर्जला व्रत रखकर छठी मैय्या और भगवान सूर्य की पूजा करते हैं।
यह सबसे कठिन व्रत माना जाता है। मुख्य रूप से बिहार व झारखण्ड में मनाया जाने वाला यह पर्व अब उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुबई समेत देश के अनेक छोटे-बड़े शहरों में धूमधाम से मनाया जाता है।
यह त्योहार सूर्य भगवान और उनकी बहन छठी माता को समर्पित है। इसे सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन लोग निर्जला व्रत रखकर सूर्यदेव की पूजा करते हैं और दो बार स्नान करते हैं- सूर्यास्त और सूर्योदय के समय। उपवास करते समय क्या करें और क्या न करें, इसका ध्यान रखें। छठ पूजा के दौरान पूरे परिवार की भलाई की कामना करते हुए भगवान सूर्य को सुबह और शाम के अर्घ्य से पहले प्रसाद चढ़ाया जाता है।
छठ पूजा 2022 कैलेंडर और शुभ मुहूर्त
- छठ पूजा का पहला दिन
नहाय-खाय 2022: 28 अक्टूबर, दिन शुक्रवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट पर
सूर्योस्त: शम 05 बजकर 39 मिनट पर
शुभ समय
शोभन योग: प्रात:काल से देर रात 01 बजकर 30 मिनट
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 30 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
रवि योग: सुबह 10 बजकर 42 मिनट से अगली सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक
- छठ पूजा का दूसरा दिन
लोहंडा और खरना 2022: 29 अक्टूबर, दिन शनिवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्योस्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
शुभ समय
रवि योग: सुबह 06 बजकर 31 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक
सुकर्मा योग: रात 10 बजकर 23 मिनट से अगली सुबह तक
- छठ पूजा का तीसरा दिन
छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 2022: 30 अक्टूबर, रविवार
सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
शुभ समय
सुकर्मा योग: प्रात: काल से शाम 07 बजकर 16 मिनट तक
धृति योग: शाम 07 बजकर 16 मिनट से अगली सुबह तक
रवि योग: सुबह 07:26 बजे से अगले दिन सुबह 05:48 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:31 बजे से सुबह 07:26 बजे तक
- छठ पूजा का चौथा दिन
छठ पूजा का प्रात: अर्घ्य 2022: 31 अक्टूबर, सोमवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर
शुभ समय
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तक
त्रिपुष्कर योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तक
Chhath Puja, Chhath Puja date, Chhath Puja shubh muhoort, Chhath Puja news, Chhath Puja latest news,
आध्यात्म
महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना
महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।
16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा
लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।
सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण
उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।
जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया
बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
स्वच्छता का भी दिया संदेश
उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।
-
लाइफ स्टाइल3 days ago
यह डिटॉक्स ड्रिंक्स सर्दियों में रोकेगा वजन का बढ़ना, फैट को करेगा बर्न
-
प्रादेशिक3 days ago
भोपाल के जंगल में लावारिस कार से मिला 10 करोड़ कैश और 42 करोड़ का सोना
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
अयोध्या में बोले सीएम योगी- जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा, उनके वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं
-
नेशनल3 days ago
जयपुर में सीएनजी ट्रक में ब्लास्ट, 10 जिंदा जले, 40 झुलसे
-
खेल-कूद3 days ago
विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की कमान संभालते नजर आएंगे रिंकू सिंह
-
नेशनल2 days ago
शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना हुए पीएम मोदी, 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा
-
नेशनल2 days ago
जयपुर हादसे में अब तक 14 की मौत, बुरी तरह जले शवों का होगा DNA टेस्ट