Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

महाशिवरात्रि पर पहली बार इस शिव मंदिर में नहीं गया कोई हिंदू, वजह है हैरान कर देने वाली!

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरा देश महाशिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मना रहा है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी है।

आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कोई भी भारतीय शिवजी के दर्शन करने नहीं गया। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के लाहौर से 280 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर बने कटासराज मंदिर की।

आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर कोई भी श्रद्धालु दर्शन करने नहीं जा पाएगा। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के चकवाल जिले में स्थित भगवान शिव का कटासराज मंदिर 1000 साल से ज्यादा पुराना है।

इस मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी से नवीं शताब्दी के मध्य करवाया गया था। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल (त्रेतायुग) में भी था। इस मंदिर से जुड़ी पांडवों की कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। यह भी मान्यता है कि पांडवों ने वनवास के समय यहां कुछ समय बिताया था।

मान्यताओं के अनुसार, कटासराज मंदिर का कटाक्ष कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है। कटासराज मंदिर के कटाक्ष कुंड के निर्माण के पीछे एक कथा है।

कहा जाता है कि जब देवी सती की मृत्यु हो गई, तब भगवान शिव उन के दुःख में इतना रोए कि उनके आंसुओं से एक नदी बन गई। जिससे दो कुंड बन गए। जिसमें से एक कुंड राजस्थान के पुष्कर नामक तीर्थ पर है और दूसरा यहां कटासराज मंदिर में।

लेकिन इस बार कोई भी भारतीय श्रद्धालु शिव का दर्शन नहीं कर पाएगा। ऐसा इसलिए हुआ  क्योंकि, पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच बने तनाव की वजह से श्रद्धालुओं ने पाकिस्तान का वीजा नहीं लिया है।

इससे पहले ऐसा 1999 के करगिल युद्ध और 2008 के मुंबई हमले के बाद हुआ था। हालांकि, 1000 साल से ज्यादा पुराने मंदिर को महशिवरात्रि के लिए साफ किया गया है। 150 फीट लंबे और 90 फीट चौड़े पवित्र सरोवर का पानी शीशे की तरह साफ दिख रहा है।

36 साल से भारतीय जत्था कटासराज मंदिर लेकर जाने वाले सनातन धर्म सभा के संयोजक शिवप्रताप बजाज ने बताया कि भारत के 141 श्रद्धालुओं ने कटासराज जाने के लिए वीजा की अर्जी लगाई थी।

लेकिन, पुलवामा हमले के बाद हमने उन्हें वहां नहीं जाने देने का फैसला किया है। इंडो-पाक प्रोटोकॉल 1972 के अनुसार हर साल 200 भारतीय कटासराज जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सिंध के कुछ हिंदू परिवार इस बार हमारी ओर से भी भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे।

रिपोर्ट-मानसी शुक्ला

 

नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

Published

on

Loading

राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

Continue Reading

Trending