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महाशिवरात्रि पर पहली बार इस शिव मंदिर में नहीं गया कोई हिंदू, वजह है हैरान कर देने वाली!
नई दिल्ली। आज पूरा देश महाशिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मना रहा है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी है।
आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कोई भी भारतीय शिवजी के दर्शन करने नहीं गया। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के लाहौर से 280 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर बने कटासराज मंदिर की।
आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर कोई भी श्रद्धालु दर्शन करने नहीं जा पाएगा। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के चकवाल जिले में स्थित भगवान शिव का कटासराज मंदिर 1000 साल से ज्यादा पुराना है।
इस मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी से नवीं शताब्दी के मध्य करवाया गया था। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल (त्रेतायुग) में भी था। इस मंदिर से जुड़ी पांडवों की कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। यह भी मान्यता है कि पांडवों ने वनवास के समय यहां कुछ समय बिताया था।
मान्यताओं के अनुसार, कटासराज मंदिर का कटाक्ष कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है। कटासराज मंदिर के कटाक्ष कुंड के निर्माण के पीछे एक कथा है।
कहा जाता है कि जब देवी सती की मृत्यु हो गई, तब भगवान शिव उन के दुःख में इतना रोए कि उनके आंसुओं से एक नदी बन गई। जिससे दो कुंड बन गए। जिसमें से एक कुंड राजस्थान के पुष्कर नामक तीर्थ पर है और दूसरा यहां कटासराज मंदिर में।
लेकिन इस बार कोई भी भारतीय श्रद्धालु शिव का दर्शन नहीं कर पाएगा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि, पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच बने तनाव की वजह से श्रद्धालुओं ने पाकिस्तान का वीजा नहीं लिया है।
इससे पहले ऐसा 1999 के करगिल युद्ध और 2008 के मुंबई हमले के बाद हुआ था। हालांकि, 1000 साल से ज्यादा पुराने मंदिर को महशिवरात्रि के लिए साफ किया गया है। 150 फीट लंबे और 90 फीट चौड़े पवित्र सरोवर का पानी शीशे की तरह साफ दिख रहा है।
36 साल से भारतीय जत्था कटासराज मंदिर लेकर जाने वाले सनातन धर्म सभा के संयोजक शिवप्रताप बजाज ने बताया कि भारत के 141 श्रद्धालुओं ने कटासराज जाने के लिए वीजा की अर्जी लगाई थी।
लेकिन, पुलवामा हमले के बाद हमने उन्हें वहां नहीं जाने देने का फैसला किया है। इंडो-पाक प्रोटोकॉल 1972 के अनुसार हर साल 200 भारतीय कटासराज जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सिंध के कुछ हिंदू परिवार इस बार हमारी ओर से भी भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे।
रिपोर्ट-मानसी शुक्ला
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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।
कहां-कितना है एक्यूआई
अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।
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