ऑफ़बीट
रेस्त्रां में खाने के बाद शख्स का सड़ा हाथ, होटल जाने से पहले 10 बार सोचेंगे आप!
नई दिल्ली। जब भी कोई खुशी की खबर हो या किसी का जन्मदिन, इंसान अक्सर पार्टी सेलिब्रेट करने रेस्त्रां पहुंच जाता है। रेस्त्रां में पार्टी सेलिब्रेट करने का यह ट्रेंड भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है। लेकिन अगर रेस्त्रां के खाने से जान पर बन आए तो कया कहिएगा? जी हां आपने सही सुना, आज हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप किसी भी रेस्त्रां जाने से पहले एक बार जरुर सोचेंगे।
दक्षिण कोरिया के एक शख्स की जान पर तब बन आई जब उसने रेस्त्रां में सुशी (मछली और चवल से बनी डिश) खा ली। वापस घर आने के बाद उसे महसूस हुआ कि उसके हाथ की चमड़ी सड़ रही है। 12 घंटे के अंदर उसकी हथेली पर बड़ा सा फोड़ा हो गया।
सख्स की हथेली के दूसरे तरफ की स्किन भी धीरे-धीरे सड़ने लगी थी। दर्द असहनीय होने पर जब उसने डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि ऐसा मांस खाने वाले बैक्टेरिया विब्रियो की वजह से हुआ है। डॉक्टर ने फौरन उसके घाव से पस निकाला। मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
वह शख्स पहले से ही डॉयबिटिक था। जिसकी वजह से वह डायलिसिस पर था। एंटीबॉयोटिक दिए जाने के बाद उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई। आपको बता दें कि मधुमेह की समस्या से पीड़ित लोगों के घाव को ठीक होने में लंबा समय लग जाता है।
कई बार यह घाव ठीक भी नहीं होता। यही उस शख्स के साथ भी हुआ। घाव ठीक न होने की वजह से मजबूरन,71 वर्षीय इस शख्स की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उसका हाथ काटना पड़ा। डॉक्टरों का कहना है कि सर्जरी के बाद उसकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। ‘मेट्रो’ की रिपोर्ट के मुताबिक सुशी की वजह से उसका हाथ सड़ा था।
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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।
परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।
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