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नेशनल

एक बार फिर: कलयुग की द्रौपदी बनी चीरहरण का शिकार, जुए में हारी पत्नी, कई बार हुआ रेप

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नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी को जुए में दांव पर लगाकर हार गया। जुए में महिला को जीतने वाले शख्स ने उसके साथ जो किया वो रूह कंपा देने वाला है। उसने महिला के साथ कई बार रेप किया।

शर्मनाक बात यह है कि इस काम में महिला के पति ने उस दरिंदे का साथ दिया। इस दौरान महिला खुद को छोड़ देने की लाख मिन्नतें करती रही न ही उस दरिंदे का दिल पसीजा और न ही उसके पति ने उसकी मदद की। फिलहाल महिला ने पुलिस में दोनों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा दी है।

जानकारी के अनुसार पीड़िता दो बच्चों की मां है। महिला ने बताया कि उसका पति जुए में उसे हार गया था। इसके बाद जीतने वाले शख्स ने उसके पति के सामने ही उसका रेप किया। जब उसने अपनी इज्जत बचाने की कोशिश की तो पति ने उसका मुंह बंद कर दिया। पीड़िता के गांववालों का कहना है कि महिला का पति जुए का आदी है और वह अपनी पत्नी को जुए में लगा बैठा था, जिसके बाद वह उसे हार गया।

पुलिस ने बताया कि उन्हें उस वक्त इस घटना की जानकारी मिली जब महिला कुछ ग्रामीणों के साथ पुलिस स्टेशन पहुंची और लिखित में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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