मुख्य समाचार
मणिपुर : कांग्रेस ने स्थानीय निकाय चुनाव में 108 सीटें जीती
इम्फाल| मणिपुर में 11 जनवरी को हुए नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस ने 278 में से 108 सीटों पर जीत हासिल की है। राज्य के चार जिलों -इम्फाल पश्चिम, थौबल, इम्फाल पूर्व और विष्णुपुर- में 18 नगर पालिका परिषदों और आठ नगर पंचायतों में 278 पार्षदों और 586 नगर पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हुआ था। देर शनिवार घोषित परिणामों में कांग्रेस ने 108, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 62, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने दो, लोक जनशक्ति पार्टी ने चार और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 102 सीटें जीतीं। 279 में से एक सीट के लिए कोई नामांकन नहीं भरा गया था।
परिणामों की घोषणा के दौरान मणिपुर के उप मुख्यमंत्री गईखंगम और भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष थोऊनाओजम चाओबा इन चुनावों में अपनी पार्टियों की जीत का दावा करते रहे। गईखंगम ने कहा, “कांग्रेस ने अधिकांश निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था और जीते हुए निर्दलीय कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।” भाजपा के चाओबा ने कहा कि कांग्रेस नुकसान में रही, क्योंकि उसने केवल 199 उम्मीदवारों को ही उतारा। जबकि स्थानीय निकायों में पहले भाजपा का कोई सदस्य नहीं जीता था, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में भाजपा उम्मीदवारों की जीत निश्चित ही भाजपा की बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि यह मणिपुर में मोदी लहर को दर्शाती है और 2017 के आम चुनाव में भी हम सशक्त रूप से कांग्रेस के विरुद्ध लड़ेंगे।
चुनाव से पूर्व चाओबा के हमलों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ओकराम ईबोबी ने कहा था कि परिणाम साबित करेंगे कि क्या भाजपा ने अपनी कोई पैठ बनाई है। चुनाव परिणाम से उत्साहित चाओबा ने कहा, “साबित हो गया है कि मणिपुर में मोदी लहर है और कांग्रेस पिछड़ रही है।” गईखंगम ने राज्य में कांग्रेस के पिछड़ने के भाजपा के दावे को दरकिनार करते हुए कहा कि कांग्रेस 2017 में निश्चित ही सत्ता हासिल करेगी। भाजपा जिसका मणिपुर में कोई विधायक, सांसद या अन्य निर्वाचित सदस्य नहीं था, उसने पिछले नवंबर में विधानसभा में दो सीटें हासिल कर राज्य में अपना खाता खोला था। ऐसे में स्थानीय निकाय चुनावों में इतनी बड़ी संख्या में सीटें जीतना भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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