उत्तर प्रदेश
सात प्रक्रियाओं के जरिए अयोध्या के 60 वार्डों का कायाकल्प करेगी योगी सरकार, स्वच्छतम शहर बनाने का है मास्टर प्लान
अयोध्या। प्रभु श्रीराम की अयोध्या अब ‘नव्य-भव्य’ रूप में सजने के साथ ही 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्व अपने वैभव से पूरी दुनिया को विस्मित करने के लिए तैयार है। सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘विजन 2047’ के अनुसार अयोध्या को देश का स्वच्छतम शहर बनाने का संकल्प भी लिया है।
इसी क्रम में, एक वर्ष के अंदर अयोध्या को स्वच्छतम नगरी बनाने के पहले चरण में 1500 अतिरिक्त सफाई मित्रों को सड़कों पर तैनात कर दिया गया है। यह सभी सफाई मित्र 8-8 घंटों के तीन शिफ्टों में शहर के सभी प्रमुख स्थलों की साफ-सफाई का कार्य कर रहे हैं तथा 22 जनवरी तक अयोध्या के हृदयस्थल में फेज-1 के तहत स्वच्छ भारत मिशन के मानकों के अनुरूप सभी प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। वहीं, अगले कुछ महीनों में अयोध्या के सभी 60 वार्डों में 7 प्रक्रियाओं के अनुपालन व 10 मुख्य उद्देश्यों की पूर्ति के जरिए स्वच्छता के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
कुशल रणनीति के जरिए वेस्ट मैनेजमेंट पर किया जाएगा फोकस
अयोध्या में एजेंसी, एनजीओ, स्वयं सेवी संस्थानों व प्रोप्राइटरशिप फर्म के माध्यम से वेस्ट मैनेजमेंट, क्षमता निर्माण, हेल्थ हाइजीन, जागरूकता तथा स्वच्छता की प्रक्रियाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। बल्क वेस्ट जेनरेशन वाले स्थानों को चिह्नित कर वेस्ट मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज को लागू करते हुए कूड़ा के निपटारे का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। वेस्ट मैनेजमेंट के सभी मानकों को अगले एक महीने में 30 प्रतिशत तक तथा 5 से 12 महीनों में विभिन्न केटेगरी अनुसार 100 प्रतिशत तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
इन 7 प्रक्रियाओं के इस्तेमाल से 12 महीने में बदलेगा परिदृष्य
1- सभी अपशिष्ट उत्पादकों (वाणिज्यिक/आवासीय/संस्थागत) की मैपिंग की जा रही सुनिश्चित। इससे संबंधित 100 प्रतिशत लक्ष्यों को 3 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
2- सुरक्षित अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रियाओं के प्रति पूरे वार्ड को संवेदनशील बनाने के लक्ष्य को 5 महीने में हासिल कर लिया जाएगा।
3- अपशिष्ट उत्पादन में योगदान देने वाली संपूर्ण गलियों/वार्डों/समुदायों का डोर टू कवरेज को 6 माह में हासिल कर लिया जाएगा।
4- प्रत्येक चिह्नित थोक अपशिष्ट जेनरेटर (दैनिक आधार पर 100 किलोग्राम और अधिक) को शून्य स्तर पर ले जाने के लिए सामुदायिक अपशिष्ट प्रबंधन के 100 प्रतिशत कार्यान्वयन को 6 माह में पूरा किया जाएगा।
5- पूरे शहर में डोर टू डी कचरा संग्रहण व निस्तारण की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा रहा है। 8 माह के भीतर 100 प्रतिशत कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा।
6- कचरा संवेदनशील बिंदुओं से अपशिष्टों के पूर्ण उन्मूलन की प्रक्रिया अगले 10 महीनों में पूरी हो जाएगी।
7- प्रत्येक वार्ड को अलग से चिह्नित कर वेस्ट मैनेजमेंट की प्रक्रिया को 12 माह में पूर्ण किया जाएगा।
इन 10 गतिविधियों को सुनिश्चित कर 22 जनवरी तक स्वच्छता को दिया जाएगा बढ़ावा
1- मुख्य मार्गो, रेलवे स्टेशन तथा एयरपोर्ट से मन्दिर मार्ग तक वातावरण में धूल गन्दगी न हो, इस पर विशेष ध्यान फोकस है।
2- खुली नाली की सफाई घर के कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यस्था की जा रही है। ड्रेनेज, सीवेज एवं यूटिलिटी डस्ट की सफाई को सुनिश्चित किया जाएगा।
3- 14 जनवरी, 2024 से स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। नगर विकास विभाग द्वारा 3,800 पुराने व 1,500 नये सफाई कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
4- मुख्यतः एयरपोर्ट से अयोध्या मार्ग को साफ-सुथरा करने पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
5- सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर पूरे शहर को प्लास्टिक रहित बनाया जा है।
6- पेट्रोल पम्पों/ग्रीन कॉरिडोर पर शौचालय की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए विभागीय जांच की जाएगी।
7- सिंचाई विभाग द्वारा नया घाट पर 1.37 किमी तक नदी पर बैरियर बनाया गया है तथा राम की पैड़ी पर सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
8- लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी से अयोध्या के राष्ट्रीय राजमार्गों की सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
9- निजी भवनों में 18 जनवरी, 2024 से लेकर 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तक किसी प्रकार का निमार्ण कार्य नहीं होंगे जिससे मलबा इकट्ठा नहीं होगा।
10- कुम्भ मेले की भांति शौचालयों की साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था व घाटों पर मोबाइल टॉयलेट्स की स्थापना व संचालन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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