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मथुरा: 20 रुपये के लिए लड़ी 22 साल कानूनी लड़ाई, आखिरकार सत्य की विजय

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मथुरा। आम तौर पर लोग सोचते हैं कि 20 रुपये के लिए कौन कोर्ट जाता है लेकिन मथुरा के होलीगेट निवासी तुंगनाथ चतुर्वेदी एडवोकेट ऐसे ही शख्स हैं जिन्होंने इंडियन रेलवे से 20 रुपये के लिए 22 साल से अधिक समय तक कानूनी लड़ाई लड़ी, और इसे जीत कर साबित कर दिया कि सत्यमेव जयते।

इस केस में कोर्ट ने रेलवे को आदेश दिए हैं कि वह शिकायतकर्ता को 20 रुपये पर प्रतिवर्ष 12 फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ पूरी रकम एक महीने भीतर चुका दें। अगर 30 दिनों में राशि का भुगतान नहीं किया गया तो ब्याज दर 15 फीसदी कर दी जाएगी। कोर्ट ने आर्थिक व मानिसक पीड़ा और केस में खर्च के लिए शख्स को 15 हजार रुपये अतिरिक्त देने का भी आदेश दिया है।

70 की जगह लिए थे 90 रुपये

तुंगनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि 25 दिसंबर 1999 को वह अपने एक साथी के संग मुरादाबाद का टिकट खरीदने मथुरा छावनी रेलवे स्टेशन गए थे। उस समय टिकट 35 रुपये का था। उन्होंने खिड़की पर मौजूद व्यक्ति को 100 रुपये दिए, जिसने दो टिकट के 70 रुपये की बजाए 90 रुपये काट लिए और कहने पर भी शेष 20 रुपये वापस नहीं लौटाए। मैंने क्लर्क से कहा कि उसने मुझसे टिकट का अधिक शुल्क वसूला है, लेकिन फिर भी उसने बकाया रकम नहीं दी।

रेल यात्रा पूरी करने के बाद उन्होंने उत्तर पूर्व रेलवे (गोरखपुर) के महाप्रबंधक, मथुरा छावनी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर और टिकट बुकिंग क्लर्क के खिलाफ जिला उपभोक्ता अदालत में केस दर्ज कराया और सरकार को भी पार्टी बना लिया। तुंगनाथ ने कहा कि यह केस 20 रुपये के लिए नहीं बल्कि व्यापक जनहित के लिए लड़ा था। जब 120 से अधिक सुनवाई के बाद 5 अगस्त को फैसला सुनाया गया, तो वह उनके पक्ष में था।

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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