उत्तर प्रदेश
वरासत, नामांतरण, पैमाइश, जैसे मामले कतई लंबित न रहें, अभियान चलाकर तत्काल कराएं समाधान: मुख्यमंत्री
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नामांतरण, पैमाइश, वरासत, उत्तराधिकार तथा भूमि उपयोग से जुड़े मामलों के तत्काल निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिलाधिकारी, एसडीएम और तहसीलदार अपने क्षेत्र में ऐसे लंबित प्रकरणों को चिन्हित करें और तेजी के साथ निर्णय लेते हुए यथोचित समाधान कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आम आदमी के हितों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले मामले हैं, हर हाल में इनका समयबद्ध निस्तारण होना ही चाहिए। व्यापक जनमहत्व के इन मामलों के अनावश्यक लंबित रहने पर मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए हैं।
सोमवार को राजस्व परिषद के अध्यक्ष, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व, पुलिस महानिदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को और लोकोपयोगी बनाने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, एसडीएम, सीओ, तहसीलदार जैसे जनता से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों का जनता से सतत संवाद बना रहना चाहिए। लोगों की परेशानियों को सुनें और एक तय समय सीमा के भीतर मेरिट के आधार पर उनका निस्तारण कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि मंडलायुक्त तहसीलों/जिलों तथा ज़ोन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्राधीन सरकारी कार्यालयों/थानों/मालखानों का औचक निरीक्षण करें।
भूमि/भवन आदि पर अवैध कब्जा करने वालों के साथ पूरी कठोरता से कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को ऐसे सभी मामलों को सूचीबद्ध करते हुए अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध कब्जा किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। इसमें जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्रवाई की जाए। कब्जा हटाने की कार्रवाई के साथ ही अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी पंजीकृत कराया जाए।
चकबन्दी के मामलों को लेकर होने वाले विवादों का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने चकबन्दी कार्यों के गहन समीक्षा की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी चकबन्दी हो रही है, अथवा लंबित है, उसे सावधानी के साथ नियमों के अनुरूप किया जाए। एक निश्चित समय-सीमा में यह सभी कार्यवाही पूरी कर ली जाए। ग्रामीण क्षेत्र में पैमाइश के मामलों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पैमाइश का कार्य पूरी गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। प्रकरण के निस्तारित होने के बाद दोबारा अवैध कब्जा करने वाली हर गतिविधि के विरुद्ध कठोरता से कार्रवाई करें।
जनहित के दृष्टिगत राजस्व परिषद की महत्ता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद तथा राजस्व विभाग को और सुदृढ़ बनाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम (न्यायिक),कानूनगो और लेखपाल के रिक्त सभी पदों को यथाशीघ्र भरा जाए। उन्होंने जनपदों के मानचित्र को अपडेट करने के भी निर्देश दिए। वहीं, अवैध खनन की गतिविधियों रोकने के लिए अलर्ट रहने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए ‘जीरो पॉइंट’ पर ही कार्रवाई किया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई पूरी तैयारी से हो और एक व्यवस्थित टास्कफोर्स द्वारा ही की जाए।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
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