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अन्तर्राष्ट्रीय

यूक्रेन पर जेद्दाह में बैठक, अजित डोभाल बोले- समाधान खोजने के लिए भारत सक्रिय

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NSA Meet In Jeddah

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जेद्दाह। यूक्रेन में संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के मकसद से सऊदी अरब के शहर जेद्दाह में हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने कल शनिवार को शिरकत की। उनके साथ ही कई अन्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।

इस सम्मेलन की मेज़बानी सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने की। इसमें करीब 40 देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारीयों ने हिस्सा लिया। सूत्रों के अनुसार, NSA डोभाल ने बैठक में कहा कि भारत ने संघर्ष की शुरुआत से ही शीर्ष स्तर पर रूस और यूक्रेन दोनों के साथ नियमित रूप से बातचीत की है।

उन्होंने कहा भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित सिद्धांतों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता है। सभी राज्यों द्वारा संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान बिना किसी अपवाद के बरकरार रखा जाना चाहिए।

यूक्रेन को दे रहे सभी प्रकार की मानवीय सहायता

भारतीय NSA ने कहा, एक उचित और स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सभी शांति प्रयासों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। पूरी दुनिया और खासकर ग्लोबल साउथ इस स्थिति का खामियाजा भुगत रहा है। भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ में अपने पड़ोसियों को आर्थिक सहायता दोनों प्रदान कर रहा है।

बहुत अधिक जमीनी कार्य की आवश्यकता

सूत्रों के अनुसार,  NSA अजित डोभाल ने कहा कि बैठक में दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है- स्थिति का समाधान और संघर्ष के परिणामों को नरम करना। प्रयासों को दोनों मोर्चों पर एक साथ निर्देशित किया जाना चाहिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक जमीनी कार्य की आवश्यकता है।

वर्तमान में, कई शांति प्रस्ताव सामने रखे गए हैं। प्रत्येक के कुछ सकारात्मक बिंदु हैं लेकिन दोनों पक्षों को कोई भी स्वीकार्य नहीं है। इस बैठक में जिस मुख्य प्रश्न पर ध्यान देने की आवश्यकता है वह यह है कि क्या कोई ऐसा समाधान खोजा जा सकता है जो सभी संबंधित हितधारकों को स्वीकार्य हो।

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत स्थायी और व्यापक समाधान खोजने के लिए एक सक्रिय और इच्छुक भागीदार बना रहेगा। ऐसे परिणाम से अधिक खुशी और संतुष्टि भारत को कोई और चीज नहीं दे सकती।

अन्तर्राष्ट्रीय

देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी

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सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।

25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी

बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।

रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध

अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।

असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण

सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।

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