प्रादेशिक
डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देगा मिधानि समूह
लखनऊ। भारत के डिफेंस सेक्टर और स्पेस टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत आधार देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है। गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की मौजूदगी में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वेज इन्डस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) और मिधानि समूह के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को एडवांस मैटेरियल (डिफेंस) टेस्टिंग फाउंडेशन नाम दिया गया है।
मैटेरियल टेस्टिंग फैसिलिटी की होगी स्थापना
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश रक्षा विनिर्माण और इनोवेशन का वैश्विक हब बनने के साथ ही देश के डिफेंस इंडस्ट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लखनऊ नोड डिफेंस कॉरिडोर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इस पर मैटेरियल टेस्टिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए यूपीडा और मिधानि समूह के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रथम तथा देश में दूसरी बार डिफेन्स टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी। मैकेनिकल और सामग्री परीक्षण सुविधा न केवल भारत के रक्षा विनिर्माण बुनियादी ढांचे के निर्माण और नवाचार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को रक्षा के केंद्र के रूप में भी आगे बढ़ाएगा।
प्रोडक्ट को बेहतर बनाने, सर्टिफिकेशन और मार्केटिंग में मिलेगी मदद
इसका सीधा फायदा डिफेंस कॉरिडोर के अंतर्गत स्थापित हो रही इंडस्ट्रीज को अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाने और सटिर्फिकेटकेशन के बाद प्रोडक्ट की मार्केटिंग में मिलेगा। इसके अलावा मेटल (धातु) के क्षेत्र में कार्य कर रहीं अलीगढ़ और मुरादाबाद की इंडस्ट्रीज व एमएसएमई इंडस्ट्रीज को भी इसका फायदा मिलेगा। बता दें कि डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और टेक्नोलॉजी के लिए एक कॉमन फैसिलिटी के रूप में ग्रीनफील्ड डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (ए एंड डी संबंधित उत्पादन के लिए आवश्यक) का निर्माण करना है। डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को समय पर पूरा कराने और प्रभावी संचालन सुनिश्चित कराने के लिए इस योजना के तहत यूपीडा को इंप्लीमेंटेशन अथॉरिटी के रूप में नामित किया गया है। एमओयू के दौरान मिधानि समूह के सीएमडी एसके झा तथा एडिशनल सीईओ यूपीडा हरिप्रताप शाही सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थिति रहे।
यूपी और तमिलनाडु में हैं डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
भारत 2025 तक 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की आवश्यकताओं के साथ दुनिया में एक प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा बाजार के रूप में उभर रहा है। एयरोस्पेस और डिफेंस (एएंडडी) मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत फोकस के प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है। इसी के तहत रक्षा मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश (यूपी डीआईसी) और तमिलनाडु (टीएन डीआईसी) में रक्षा औद्योगिक गलियारे की स्थापना की है। इसमें उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (यूपी डीआईसी) प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। इस गलियारे का प्रमुख उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम को गति देना और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिसके फलस्वरूप सैन्य उपकरणों के आयात पर देश की निर्भरता कम होगी।
उत्तर प्रदेश
हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान
लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।
हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।
संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।
अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।
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