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उत्तराखंड

उत्तराखंड सीएम से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे मशहूर निर्देशक मिलन लुथ्रिया

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से रविवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्देशक मिलन लुथ्रिया ने भेंट की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में हिन्दी फिल्म ‘तड़प‘ की शूटिंग की जा रही है। फिल्म की 90 प्रतिशत शूटिंग उत्तराखण्ड में होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल वातावरण है। यहां फिल्मों के फिल्मांकन के लिए सुन्दर प्राकृतिक वातावरण के साथ ही बेहतर मानव संसाधन हैं।

उत्तराखण्ड में हर्षिल, त्रिजुगी नारायण, नई टिहरी व कुमांयू क्षेत्र में प्राकृतिक सौन्दर्य के अनेक स्थल हैं। फिल्मों की शूटिंग के लिए राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। फिल्मों के फिल्मांकन के लिए राज्य में अच्छा वातावरण होने की वजह से उत्तराखण्ड को ‘मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट’ का पुरस्कार मिला है।

फिल्म निर्देशक मिलन लुथ्रिया ने कहा कि 21 अक्टूबर 2019 से उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों 45 दिन तक हिन्दी फिल्म की शूटिंग की जायेगी। इस फिल्म की शूटिंग देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश व हर्षिल में होगी। फिल्म यूनिट में 200 का क्रू होगा। फिल्म के मुख्य कलाकार फिल्म अभिनेता श्री सुनील शेट्टी के बेटे श्री अहान शेट्टी व तारा सुटारिया हैं। इसमें उत्तराखण्ड के कलाकारों को भी मौका दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों के लिए सिंगल विंडों सिस्टम से शूटिंग करना सरल हो गया है। जिसकी फिल्म जगत में सराहना भी हो रही है। इसी वजह से फिल्म जगत उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रेरित हो रहा है। इस अवसर पर लाईन प्रोड्यूसर श्री मयंक तिवारी, उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद् के नोडल अधिकारी केएस चैहान आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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