मुख्य समाचार
अफसरों का तबादला व सरकार का रवैया दंगा भड़कने का अहम कारक
नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर दंगों पर जस्टिस विष्णु सहाय की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि सरकार और प्रशासन के रवैये व एसएसपी मंजिल सैनी और डीएम सुरेंद्र सिंह के तबादले ने दंगा भड़काने में अहम भूमिका निभाई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो जाट युवकों की हत्या के बाद 14 मुस्लिम युवकों की रिहाई से लोगों में यह संदेश गया कि सरकार और प्रशासन राज्य में होने वाले आगामी चुनावों के मद्देनजर जानबूझकर मुस्लिम समुदाय के प्रति नरम रवैया अख्तियार कर रहा है।
जस्टिस सहाय की रिपोर्ट में कहा गया है ‘उनमें (हिंदुओं के बीच) जो संदेश गया, वह यह कि प्रशासन और सरकार का झुकाव मुस्लिमों की तरफ ज्यादा है। मेरा यह मानना है कि शहनवाज की हत्या के मामले में सचिन और गौरव के अलावा अन्य लोगों का नाम भी एफआईआर में डालने की घटना ने हिंदुओं (जाट समुदाय) को सरकार और प्रशासन के प्रति उदासीन बना दिया और उनमें यह संदेश गया कि सरकार मुस्लिमों को पक्ष ले रही है।’
मुजफ्फरनगर दंगों पर जस्टिस विष्णु सहाय की रिपोर्ट
वह लिखते हैं कि बहुंसख्य समुदाय की इस सोच को तब और बल मिला जब मुस्लिम युवकों को जेल से रिहा कर दिया गया। 2014 के लोकसभा चुनावों में इस मानसिकता का बीजेपी ने बखूबी फायदा उठाया और वह पश्चिम यूपी में लोगों को अपने पक्ष में करने में सफल रही। हालांकि इस रिपोर्ट में किसी राजनीतिक हस्ति का नाम नहीं लिया गया है, जैसी कि चर्चा थी कि यूपी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था, जिसके बाद दंगे भड़के थे। इसके अलावा जस्टिस सहाय एसएसपी और जिलाधिकारी के तबादले को भी दंगे के भड़कने में अहम कारक मानते हैं। उन्होंने रिपोर्ट में लिखा है कि एसएसपी मंजिल सैनी और जिला मैजिस्ट्रेट सुरेंद्र सिंह ने नियमों के खिलाफ कोई काम नहीं किया था, बावजूद इसके उनका तबादला कर दिया गया, जो कि दंगों के लिए अहम कारकों में से एक बना।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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