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2021 तक काम करेगा हबल टेलीस्कोप : नासा

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, हबल टेलीस्कोप, बाल्टीमोर, टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, हबल टेलीस्कोप, बाल्टीमोर, टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट

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वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि उनका हबल स्पेस टेलीस्कोप 2021 तक कक्षा में काम करता रहेगा। इस टेलीस्कोप का जीवनकाल 26 साल है। नासा ने एक बयान में कहा कि हबल को बाल्टीमोर स्थित स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट को समर्थित करते हुए हबल वैज्ञानिक अभियानों को जारी रखने के लिए विश्वविद्यालय संघ द्वारा सम्मानित किया गया है।

बयान के मुताबिक, हबल टेलीस्कोप के क्रियान्वयन को इस साल 1 जुलाई से 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। साथ ही इसी अनुबंध राशि को कुल अनुबंध राशि 2.03 अरब डॉलर में से बढ़ाकर 196.3 अरब डॉलर कर दिया जाएगा।

नासा के अनुसार, “हबल 2020 तक हमें बहुमूल्य डाटा उपलब्ध कराता रहेगा। यह हमारे सौरमंडल से सुदूर ब्रह्मांड के क्षेत्रों में एक उत्कृष्ट सामान्य प्रयोजन वेधशाला के रूप में इतिहास में अपनी जगह सुरक्षित करने में कामयाब रहेगा।”

हबल को अप्रैल 1990 में लांच किया गया था। नासा की योजना है कि अगले दशक की मुख्य अंतरिक्ष वेधशाला के लिए हबल की जगह तथाकथित जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग किया जाएगा, जो 2018 में लांच होगा।

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फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में

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नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।

होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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