मुख्य समाचार
एनईईटी पर अंतिम निर्णय सरकार लेगी : नायडू
नई दिल्ली| सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि पूरे देश में चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए केवल राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के आदेश से व्यावहारिक समस्याएं पैदा हो गई हैं। सरकार ने कहा कि वह विस्तृत अध्ययन करने के बाद इस पर अंतिम निर्णय लेगी। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने लोकसभा में कहा, “राज्यों को क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा कराने में एक समस्या है, क्योंकि एनईईटी केवल हिंदी और अंग्रजी में है। इसलिए अदालत के आदेश से मेडिकल प्रवेश परीक्षा जिस तरह बदल गई है, उससे कुछ व्यावहारिक समस्याएं पैदा हो गई हैं।” नायडू न्यायालय के आदेश को लेकर सदस्यों की चिंता पर जवाब दे रहे थे। शून्यकाल के दौरान मामले को उठाते हुए कांग्रेस सदस्य राजीव सातव ने इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश से महाराष्ट्र के 80 फीसदी विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं, उनमें भी अधिकांश ग्रामीण इलाकों के हैं।
इस आरोप के जवाब में नायडू ने कहा, “इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है।” उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ विचार-विमर्श करेंगे। नायडू ने कहा, “इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर सरकार संबंधित मामले का व्यापक अध्ययन करेगी और विधि अधिकारी के साथ चर्चा करने के बाद इस मामले पर अंतिम निर्णय लेगी।” सदस्यों ने एक मई को हुए एनईईटी के पहले चरण की परीक्षा का भी विरोध किया। उनका कहना है कि इसमें विद्यार्थियों को तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला। सर्वोच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर मंगलवार को उन कई आवेदनों पर एक साथ सुनवाई होनी है। उनमें कहा गया है कि एनईईटी पर राज्यों का भरोसा नहीं भी हो सकता है और उन्हें अपने स्तर से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की इजाजत दी जानी चाहिए।
निजी मेडिकल कॉलेजों के संघों के अलावा विभिन्न राज्य भी सर्वोच्च न्यायालय के शुक्रवार के आदेश से व्यथित हैं। अदालत ने कहा है कि अंडर ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में केवल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित एनईईटी के जरिए ही दाखिला होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा था कि मेडिकल के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिला चाहने वाले विद्यार्थियों को राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में शामिल होना होगा। अदालत ने तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सरकार को इस परीक्षा से छूट देने की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे, न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति ए. के. गोयल की पीठ ने सीबीएसई को एक मई और 24 जुलाई को दो चरणों में एनईईटी का आयोजन करने की अनुमति दी थी। परीक्षा परिणाम 17 अगस्त को आएगा। उसके बाद काउंसिलिंग एवं दाखिला होगा।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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