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अन्तर्राष्ट्रीय

व्यापार, पर्यटन के विकास से लिए नेपाल को चीन से आशा

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व्यापार पर्यटन के विकास, नेपाल को चीन से आशा, रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता से आए भूकंप, जातीय मधेशी आंदोलन और ईंधन की कमी

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काठमांडु। नेपाल के नागरिकों के लिए 2015 का साल काफी मुश्किलों से भरा रहा। 25 अप्रैल को रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता से आए भूकंप के कारण नेपाल को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जातीय मधेशी आंदोलन और ईंधन की कमी के कारण ये मुश्किलें और भी बढ़ गईं। नेपाल में आए इस खतरनाक भूकंप में करीब 9,000 लोगों की मौत हो गई और 23,000 से अधिक लोग घायल हुए। इस आपदा में कई अरब डॉलर की संपत्ति भी तबाह हो गई। इस साल जुलाई में जहां नेपाल के नए संविधान का मसौदा तैयार हो रहा था, उस दौरान चार मधेशी पार्टियों ने असंतोष जताते हुए इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनके अनुसार, संविधान में उनके साथ भेदभाव किया गया।

नेपाल में सितम्बर में नए संविधान के सरकारी ऐलान के बाद भी मधेशी पार्टियों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, चार महीनों तक तराई क्षेत्र में चले विरोध प्रदर्शन में 50 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें आठ पुलिसकर्मी भी शामिल थे। इस बीच, सितम्बर में नेपाल को भारत से होने वाली आपूर्ति बंद हो गई, जिसके बाद नेपाल सरकार ने भारत पर आघोषित प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। हालांकि भारत ने इसे खारिज किया। नेपाल, भारत से ही अपनी सारी पेट्रोलियम संबंधी आपूर्ति करता है। इस प्रतिबंध के कारण केवल पेट्रोलियम ही नहीं, बल्कि दवाइयां और भूकंप से पीड़ित लोगों को राहत कार्य से संबंधित चीजों का आयात भी रुक गया। हालांकि नए साल की शुरुआत से नेपाल को चीन से नई आशाओं का तोहफा भी मिला है।

नेपाल-चीन की वाणिज्य और उद्योग सभा के अध्यक्ष राजेश काजी श्रेष्ठा ने कहा, “2015 में भूकंप और ईंधन की समस्या के कारण हमारे व्यवसाय को काफी नुकसान हुआ, लेकिन नेपाल और चीन पहले से ही सात नए सीमा क्षेत्र खोलने के लिए तैयार हो गए हैं, इसलिए हमें आशा है कि व्यापार में विकास होगा।” नवम्बर में नेपाल और चीन ने मुस्तांग, गोरखा, संखुवासभा, डोलखा, हुमला, मुगु और ताप्लेजुंग जिले में सात नए व्यापार क्षेत्र खोलने पर सहमति जताई थी। दोनों पक्षों ने पहले से बुनियादी ढांचों के पुनर्निर्माण के बाद प्रभावी ढंग से सीमा शुल्क कार्यालय संचालित करने का फैसला किया है। इसी के साथ नेपाल ने चीनी पर्यटकों के लिए वीजा शुल्क में छूट देने की नई नीति की पहल की है। इससे देश को और अधिक चीनी पर्यटकों के आने की उम्मीद है। नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक, 2014 में चीन में 1.5 लाख चीनी पर्यटक आए थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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